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Republic Day 2023: आपको पता है क्या है मेजर ध्यानचंद स्टेडियम का 26 जनवरी कनेक्शन?

Republic Day 2023: हम भारतीय इस बार 26 जनवरी 2023 को अपना 74वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे हैं., लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर 26 जनवरी को ही क्यों रिपब्लिक डे मनाते हैं? आइए आज हम आपको बताते हैं क्या है इसका इतिहास और क्या खास होता है इस दिन, जानिए पूरी कहानी... 

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भारत के पहले गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 के दिन डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रपति के तौर पर अपना पदभार संभाला था.

 

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साल 1947 में देश स्वतंत्र हुआ, लेकिन उसका अपना संविधान नहीं था. देश को 26 जनवरी 1950 को अपना संविधान मिला.

 

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देश पर अब किसी विदेशी ताकत का शासन नहीं था. इसे गणतंत्र घोषित किया गया, इसलिए इस दिन को गणतंत्र दिवस के तौर पर सेलिब्रेट करते हैं. 

 

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देश का संविधान विश्व का सबसे लंबा संविधान है, जिसमें 444 लेख 22 हिस्सों में बंटे हैं और 12 अनुसूचियां अब भी 118 संशोधनों के साथ हैं.

 

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संविधान सभा ने इसे 26 नवंबर 1949 अपनाया था और इसे साल 1950 में लागू किया गया. 

 

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गणतंत्र दिवस परेड के लिए हर साल एक विशेष राष्ट्र के नेता को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया जाता है.

 

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इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो 1950 में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाले पहले मुख्य अतिथि थे.  

 

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राजपथ पर पहली परेड का आयोजन 1955 में हुआ था, तब पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मुहम्मद बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे. 

 

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पहली गणतंत्र दिवस परेड इरविन एम्फीथिएटर में आयोजित की गई थी, जिसमें 3000 सैनिकों और 100 से ज्यादा विमानों ने हिस्सा लिया था. 

 

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इरविन एम्फीथिएटर को अब मेजर ध्यानचंद स्टेडियम के नाम से  जाना जाता है. 

 

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26 जनवरी देश के इतिहास में इसलिए भी महत्वपूर्ण तारीख है, क्योंकि 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ब्रिटिश शासन के डोमिनियन स्थिति का विरोध कर पूर्ण स्वराज मांगा था.

 

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परेड मार्च में भाग लेने वाले सेना के हर सदस्य को जांच के चार पड़ाव पार करने होते हैं, उनके हथियारों का भी कड़ा निरीक्षण होता जाता है.

 

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इस दिन भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं, तब 21 तोपों की सलामी दी जाती है. 

 

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राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस पर देश को संबोधित करते हैं, जबकि प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर संबोधित करते हैं.

 

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