Causes of Heart Attack in Children: हार्ट अटैक अब केवल बड़ों तक सीमित नहीं रहा है. अब बच्चों में भी कार्डियेक अरेस्ट के कई मामले सामने आ रहे हैं.
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Causes of Cardiac Arrest in Children: कोरोना महामारी के बाद से लोगों में हार्ट अटैक के मामले काफी बढ़ गए हैं. केवल बड़े-बुजुर्ग ही नहीं बल्कि छोटी उम्र के बच्चे भी इस दिक्कत के शिकार हो रहे हैं. यह खतरा तब आता है, जब हार्ट शरीर के बाकी अंगों के सही ढंग से ब्लड सप्लाई करना बंद कर देता है. ऐसी स्थिति को कार्डियेक अरेस्ट कहा जाता है, जिसमें इंसान की तुरंत मौत हो जाती है. आपके बच्चों के साथ ऐसी स्थिति कभी नहीं आए, इसलिए उन वजहों को जान लें, जिनके चलते इस तरह की दिक्कत आ सकती है.
बच्चों में कार्डियेक अरेस्ट की वजहें (Causes of Heart Attack in Children)
बच्चों को अचानक चोट लगने
कई बार बच्चों को छाती में चोट लगने से हार्ट (Causes of Heart Attack in Children) पर असर पड़ जाता है, जिससे शरीर को होने वाली ब्लड सप्लाई रुक जाती है. इसके चलते उसे कार्डियेक अरेस्ट आ सकता है. वहीं कई बार सोते समय नवजात शिशु की मौत हो जाती है. इसकी वजह सोते समय उसका करवट बदलना और सांस बंद हो जाना होता है.
हार्ट पर आ सकता है प्रेशर
हेल्थ एक्सपर्टों के मुताबिक अगर नवजात शिशु को जन्म से ही ब्रोंकाइटिस या निमोनिया जैसी बीमारियों (Causes of Heart Attack in Children) का खतरा हो तो उसे पैरंट्स को सजग हो जाना चाहिए. ऐसी स्थिति में बच्चें में अचानक इंफेक्शन बढ़ जाने से हार्ट पर प्रेशर आ जाता है. जिससे कार्डियेक अरेस्ट हो जाता है.
जन्मजात बीमारियों की वजह
कुछ बच्चों में जन्म से ही हार्ट (Causes of Heart Attack in Children) में कुछ कमियां होती हैं. ऐसे बच्चों को सांस से जुड़ी बीमारियां होती हैं. इस स्थिति को कंजेनाइटल हार्ट डिफेक्ट कहते हैं. हार्ट में हो रही इस रुकावट की वजह से वह सही ढंग से ब्लड सप्लाई नहीं कर पाता, जिससे हार्ट अटैक या कार्डियेक अरेस्ट का खतरा बढ़ जाता है.
हार्ट अटैक की हालत में क्या करें
अगर आपके बच्चों को सांस (Causes of Heart Attack in Children) लेने में कोई दिक्कत हो रही है तो आप सबसे पहले उसे जमीन पर सीधे लिटाकर दोनों हथेलियों को उसकी छाती पर रखकर सीपीआर दें. इसके साथ ही एंबुलेंस को कॉल करके उसे जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने की कोशिश करें. इसके साथ ही जोर से चिल्लाकर बच्चे से बात करने की कोशिश करें. वक्त पर किए गए ये काम बच्चे को मौत के मुंह में जाने से बचा सकते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)