अगस्त में पतंग उड़ाने की शुरुआत 1927 में हुई थी. 1927 में पहली बार साइमन कमीशन के विरोध में स्वतंत्रता सेनानियों ने “साइमन गो बैक” के नारों वाली पतंगे उड़ाईं थीं. जिसके बाद यह परंपरा शुरू हुई और आजतक जारी है. भारतवर्ष के लोग इस पतंग उड़ाकर अपनी स्वतंत्रता को सेलिब्रेट करते हैं.
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नई दिल्ली: आज भारत अपना 74वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण हम सभी वर्चुअल इंडिपेंडेंस डे मनाएंगे. हो सकता है कि इस साल हर बार की तरह आसमान में पतंगें भी कम दिखाई दें. मगर आप चाहें तो घर पर ही डीआईवाई से पतंग बाना सकते हैं. इससे पहले आप यह जान लीजिए कि 15 अगस्त के दिन पतंग क्यों उड़ाई जाती है?
15 अगस्त को क्यों उड़ाई जाती है पतंग?
अगस्त में पतंग उड़ाने की शुरुआत 1927 में हुई थी. 1927 में पहली बार साइमन कमीशन के विरोध में स्वतंत्रता सेनानियों ने “साइमन गो बैक” के नारों वाली पतंगे उड़ाईं थीं. जिसके बाद यह परंपरा शुरू हुई और आज तक जारी है. भारतवर्ष के लोग इस पतंग उड़ाकर अपनी स्वतंत्रता को सेलिब्रेट करते हैं. पिछले कुछ वक्त से अलग-अलग थीम पर बनी हुई पतंगे दिखाई देनी लगी हैं. लेकिन इस साल कोरोना महामारी के कारण पतंग नहीं उड़ा नहीं पाएंगे.
कब होता है काइट फ्लाइंग डे?
यूं तो 15 अगस्त के अलावा हमारे यहां मकर संक्रांति के दिन भी पतंग उडाई जाती है, लेकिन 8 को हम “नेशनल काइट मनाते हैं.” आपको बता दें कि देश के कई शहरों में 15 अगस्त के मौके पर खूब पतंगबाजी होती है. दिल्ली समेत उत्तर भारत के सभी शहरों मुरादाबाद, लखनऊ और बरेली में इसे पूरे जोश के साथ मनाया जाता है. कई लोगों को तो इस दिन का ख़ास इंतजार रहता है. पतंग के लेकर लोगों में इतनी होड़ रहती है कि हर व्यक्ति बड़ी से बड़ी पतंग उडाना चाहता है. बचपन में बच्चे एक-दूसरे की पतंगे काटकर इकट्ठी कर लेते हैं.
तिरंगा पतंग कैसे बनाए?
- तिरंगा पतंग बनाने के लिए हमें चाहिए केसरिया, सफेद और हरा रंग का ग्लेज पेपर, छोटी कैंची, ग्लू और सींक वाली झाड़ू की तिल्ली. इसके स्थान पर पतली एलुमिनियम की तार भी ले सकते हैं.
- अब सबसे पहले तीनों ग्लेज पेपर को मनपसंद साइज में में काट लीजिए, लेकिन काटने आपको आयताकार के आकार में ही हैं.
- अब सबसे पहले केसरिया पेपर के नीचे की और ग्लू लगाकर सफेद और फिर हरा लगा दें. फिर फोल्ड करके स्केल से इसे आयताकार में काट लीजिए.
- अब इसके बीचोबीच एक सींक को सीधा यानी वर्टीकल लाइन (Vertical Line) में ग्लू की सहायता से चिपकाएं. दूसरी सींक को सेमी सर्किल में मोड़कर लगाएं. इसके ऊपर बचे हुए ग्लेज पेपर के छोटे-छोटे टुकड़ों को चिपका दें, ताकि सींक अच्छे से चिपकी रहे. लीजिए तैयार है आपकी तिरंगा पतंग.