चावल भारतीय भोजन का एक अहम हिस्सा है, जिसे सदियों से हमारे देश में खाया जा रहा है. यह न सिर्फ खाने का हिस्सा है, बल्कि भारतीय संस्कृति और धार्मिक आयोजनों का भी अभिन्न अंग है. खासकर दक्षिण भारत में चावल डेली भोजन का मुख्य हिस्सा है, हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में चावल की सेहत पर पड़ने वाले प्रभावों पर सवाल उठाए जा रहे हैं, खासकर डायबिटीज और मोटापे के बढ़ते मामलों के बाद.


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यह सवाल बार-बार उठाया जाता है कि क्या चावल खाने से वजन बढ़ता है या फिर यह ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार, चावल को बैलेंस डाइट का हिस्सा बनाकर खाया जाए, तो यह सेहत के लिए हानिकारक नहीं है. मैक्स हॉस्पिटल की कंसल्टेंट डॉ. मंजरी चंद्रा का कहना है कि चावल को अगर सीमित मात्रा में खाया जाए और बैलेंस डाइट का हिस्सा बनाया जाए, तो यह सुरक्षित है. चावल में जरूरी कार्बोहाइड्रेट होते हैं जो शरीर को एनर्जी देते हैं. हालांकि, आप चावल के प्रकार और मात्रा पर ध्यान दें और इसे पौष्टिक डाइट के साथ बैलेंस रखें.


डायबिटीज में चावल का सेवन कैसे करें?
डायबिटीज से पीड़ित लोगों को चावल खाने से बचने की सलाह दी जाती है, लेकिन यह पूरी तरह से सही नहीं है. डॉ. शिबल भार्तिया के अनुसार, डायबिटीज में चावल खाया जा सकता है, लेकिन आपको इसे किस मात्रा में और किसके साथ खा रहे हैं, यह महत्वपूर्ण है. सफेद चावल की बजाय ब्राउन या अन्य होल ग्रेन वाले चावल बेहतर विकल्प हैं क्योंकि इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है. साथ ही, चावल के साथ ढेर सारी सब्जियां, लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट शामिल करके इसे दिन में दो बार खाया जा सकता है.


कौन सा चावल है बेहतर?
सफेद चावल की तुलना में ब्राउन, रेड और ब्लैक चावल में अधिक फाइबर, विटामिन और मिनरल्स होते हैं, जो इसे हेल्दी बनाते हैं. यह शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में भी मदद करते हैं. इसलिए, चावल को पूरी तरह से छोड़ देने की बजाय, इसे सही मात्रा और कॉम्बिनेशन में खाकर सेहत को बनाए रखा जा सकता है.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.