How to treat type 2 diabetes: साल 2000 के दौरान धीरज भंडारी एक ऐसे करियर में थे, ज‍िसमें उन्‍हें लगातार यात्रा करनी पड़ती थी और इस वजह से वह बाहर का खाना भी बहुत खाते थे. देर रात तक काम करते थे और प‍िज्‍जा आद‍ि पर न‍िर्भर रहते थे. इसका उनकी सेहत पर बहुत बुरा असर हुआ. साल 2018 में धीरज को पता चला क‍ि उन्‍हें एक ऐसा इंफेक्‍शन हो गया है, जो उनकी जान भी ले सकता है. इसके साथ ही टाइप 2 डायब‍िटीज का भी पता चला. बैक्‍टीर‍ियल इंफेक्‍शन इतना ज्‍यादा था क‍ि धीरज को हॉस्‍पिटल में एडम‍िट होना पड़ा. इसी दौरान डॉक्‍टर ने उन्हें बताया क‍ि आपको बैक्‍टीर‍ियल इंफेक्‍शन के अलावा कोलेस्‍ट्रॉल और डायब‍िटीज भी है.   


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धीरज के ल‍िए ये टर्न‍िंग प्‍वाइंट था. वो जान चुके थे क‍ि अब अगर उन्‍होंने अपनी लाइफस्‍टाइल में बदलाव नहीं क‍िया तो ये जीवन पर भारी पड़ सकता है. डेलोइट इंडिया के सीईओ रोमल शेट्टी ने लिंक्डइन पोस्ट में अपनी #InspiredBy सीरीज में धीरज भंडारी का भी नाम ल‍िया था.  


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कैसे क‍िया कंट्रोल 
धीरज ने सबसे पहले अपने खाने में बदलाव क‍िए. उन्‍होंने अनहेल्‍दी और बाहर के खाने को पूरी तरह बंद कर द‍िया और अपने रूटीन में एक्‍सराइज को शाम‍िल क‍िया. सबसे पहले उन्‍होंने साइक‍िल चलाना शुरू क‍िया. दो तीन महीने बाद उन्‍होंने 10 क‍िलोमीटर के मैराथन में भी ह‍िस्‍सा लिया. धीरज ने धीरे-धीरे खुद को रन‍िंग के ल‍िए डेड‍िकेट कर द‍िया. शुरुआत में वो 10 से 13 क‍िलोमीटर रन‍िंग मैराथन में शाम‍िल होते थे, लेक‍िन उसके बाद उन्‍होंने 23 क‍िलोमीटर तक दायरा बढ़ा द‍िया. लॉन्‍ग ड‍िस्‍टेंस रन‍िंग, उनका पैशन बन गया और उन्‍होंने खुद को दूसरे रेस के ल‍िए भी सेल्‍फ ट्रेन करना शुरू कर द‍िया.  


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धीरज के ल‍िए रन‍िंग उनका पैशन बन गया और उनकी लाइफस्‍टाइल का हिस्‍सा भी. उन्‍होंने अपनी जीवन में तीन चीजों का न‍ियम बन ल‍िया, पहला रन‍िंग, दूसरा हेल्‍दी खाना और तीसरा एक्‍सरसाइज. वो रोज सुबह 4 बजे उठते हैं और रन‍िंग के साथ द‍िन की शुरुआत करते हैं. इस रूटीन ने न केवल उनके फ‍िज‍िकल हेल्‍थ को सुधार द‍िया, बल्‍क‍ि इससे उनकी मेंटल हेल्‍थ और प्रोडक्‍ट‍िव‍िटी में भी सुधार हुआ. 


उनके ट्रांसफोमेशन ने बहुत से लोगों को प्रभाव‍ित क‍िया. इसमें उनका पर‍िवार भी शाम‍िल है. उनकी पत्‍नी दीक्षा भी उनके इस फिटनेस जर्नी में शाम‍िल हो गई और मैराथन दौड का ह‍िस्‍सा बनने लगी. मनोज को देखकर उनके 12 साल के बेटे ने भी रन‍िंग शुरू कर दी और अब उनके पर‍िवार के ल‍िए रन‍िंग एक कल्‍चर बन गया है.  


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धीरज अब पूरी तरह से टाइप 2 डायब‍िटीज से आजाद हैं और दवाओं पर उनकी न‍िर्भरता खत्‍म हो गई है.