Personality Disorder Types: लोगों का व्यक्तित्व और व्यवहार ही उनकी पहचान होती है. दुनिया के हर व्यक्ति की पर्सनालिटी अलग होती है. कुछ लोगों का बर्ताव अजीब हो जाता है हम उनके व्यवहार में आए बदलाव को सामान्य बदलाव समझकर इग्नोर कर देते हैं, लेकिन ये बड़ी परेशानी हो सकती है. ऐसी दिक्कत होने पर आप पर्सनालिटी डिसऑर्डर के शिकार हो सकते हैं. पर्सनालिटी डिसऑर्डर कई तरह के हो सकते हैं इसलिए इनकी पहचान कर पाना मुश्किल होता है. आइए जानते हैं क्या हैं पर्सनालिटी डिसऑर्डर के लक्षण और इसकी पहचान कैसे की जा सकती है.
पर्सनालिटी डिसऑर्डर के प्रकार
पर्सनालिटी डिसऑर्डर कई तरह के हो सकते हैं. सामान्य तौर पर पर्सनालिटी डिसऑर्डर को तीन प्रकारों में बांटा गया है. क्लस्टर ए, क्लस्टर बी और क्लस्टर सी. इनके अंतर्गत लक्षणों के आधार पर कई तरह के पर्सनालिटी डिसऑर्डर हो सकते हैं. हम कुछ खास टाइप पर्सनालिटी डिसऑर्डर के बारे में चर्चा करेंगे.
पैरानॉयड पर्सनालिटी डिसऑर्डर
- दूसरों पर शक करना
- सबसे डरना और किसी पर भरोसा नहीं करना.
- इन्सर्ल्ट होने का डर. कहीं अगर सम्मान को ठेस पहुंचे तो जरुरत से ज्यादा गुस्सा आना.
- अपने पार्टनर पर शक करना.
- कई बार इस तरह के मामलों में लोग दूसरों पर निगरानी तक रखवाने लगते हैं.
स्किजोइड पर्सनालिटी डिसऑर्डर
- ऐसे लोग सबसे दूर रहना पसंद करते हैं. इन्हें अकेलापन पसंद आता है.
- दूसरों से संबंध बनाने में रुचि नहीं होना.
- दोस्ती और रिलेशनशिप में इंटरस्ट नहीं होना.
- किसी भी काम को लेकर एक्साइटमेंट नहीं होना.
- ऐसे लोग इमोशनली भी उदासीन टाइप के होते हैं. न तो ज्यादा खुशी मनाते हैं और न ही ज्यादा दुख.
स्किजोटाइपल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर
- इस टाइप के डिसऑर्डर में भी लोगों को शक की बीमारी हो जाती है.
- इसमें कई लोग खुद की सोच को सबसे बेहतर मानते हैं और उन्हें लगता है कि वे सबसे सही हैं. उनके विचार सबको प्रेरित कर देंगे.
- उन्हें हर वक्त ऐसा लगता है, कि कोई उनके ही बारे में बातें कर रहा है.
एंटी सोशल पर्सनालिटी डिसऑर्डर
- इसमें लोग समाज से एकदम दूर रहना पसंद करते हैं.
- झूठ बोलने की बहुत ज्यादा आदत होती है.
- दूसरों की भावनाओं की कद्र न करना और उनके सम्मान को क्षति पहुंचाना.
- गुस्सैल और खराब व्यवहार.
बॉर्डर लाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर
- व्यवहार में बदलाव और चिड़चिड़ापन.
- रिस्की फिजीकल रिलेशन बनाना.
- मूड स्विंग्स होना और हमेशा नेगेटिव बातें सोचना.
- अपने करीबियों से मिलने में असहज होना.
- सबसे दूर होना, लेकिन अकेलेपन का डर होना.
हिस्ट्रीयोनिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर
- इसमें लोगों को सबका अटेंशन पाने की चाहत मची रहती है.
- अपने को अट्रेक्टिव दिखाने के लिए अलग तरह की बातें करना.
नार्सिस्टिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर
- खुद को सबसे अलग और स्पेशल मानने का भ्रम.
- खुद को लेकर बहुत ज्यादा काल्पनिक होना.
- अपनी ही तारीफ के बारे में सोचना और हरदम तारीफ सुनने की ख्वाहिश रखना.
- हमेशा दूसरों से जलना और किसी की तरक्की होने पर परेशाना हो जाना.
- रिश्तों से जल्दी दूर हो जाना.
अवॉइडेंट पर्सनालिटी डिसऑर्डर
- खुद को कमजोर समझना और दूसरों से कमतर आंकना.
- दूसरों की बुराई करने में मजा आना और खुद की बुराई और शर्मिंदगी से डरना.
- शर्मीला होना. किसी ऐसे काम से बचना जिसमें दूसरे लोगों से संबंध बनाने की जरुरत पड़े.
डिपेंडेंट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर
- दूसरों पर निर्भर रहना.
- आत्मविश्वास की कमी. दूसरों पर खुद से ज्यादा भरोसा करना.
- लीडरशिप से डरना.
ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर
- हमेशा नियमों पर चलना. गलत कामों से डरना.
- ऐसे लोग नैतिक मूल्यों का पालन हद से ज्यादा करने लगते हैं.
- काम को लेकर बहुत ज्यादा संवेदनशील होना.
- गलतियां होने पर बहुत ज्यादा परेशाना हो जाना. परफेक्शन लाने का कीड़ा होना.
डॉक्टर की सलाह जरूरी
अगर आपकी या आपके किसी करीबी की पर्सनालिटी में बदलाव हो. एक से ज्यादा पर्सनालिटी डिसऑर्डर के सिम्टम्स दिखाई दें. तो आपको साइकोलॉजिस्ट की सलाह ले लेनी चाहिए. पर्सनालिटी डिसऑर्डर को काउंसलिंग के जरिए ठीक किया जा सकता है.
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