दिल्ली से एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें एक किशोर की सांस की नली में बोर्ड पिन चला गया था, नुकीली बोर्ड पिन खाने से उसको पेट दर्द की शिकायत होने लगी और फिर घर पर और पास के डॉक्टरों से इलाज करवाया गया लेकिन तब भी बीमारी का पता नहीं चल पाया था. आज काफी लोग ऐसे हैं, जो बदलती लाइफस्टाइल के चक्कर में अपने खाने पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक दिल्ली में 13 साल के लड़के के सांस की नली में नुकीला बोर्ड पिन चला गया, जिससे उसको पेट दर्द की शिकायत काफी ज्यादा होने लगी और इसके चलते घर वालों ने पास के डॉक्टरों और घर पर इलाज किया. एक्स-रे और यूजीआई एंडोस्कोपी की गई लेकिन फिर भी बीमारी का पता नहीं चल पया था. उसकी तबीयत दिन बा दिन खराब होती जा रही थी. फिर उसको द्वारका के मणिपाल हॉस्पिटल में लाया गया.
एक सीटी चेस्ट आयोजित किया गया जिसमें डॉक्टरों ने बताया कि शुरुआत में मरीज का इलाज किया गया, लेकिन उसके लक्षण नहीं दिखाई दिए हैं. हालत काफी ज्यादा बिगाड़ती नजर आ रही थी. जिससे उनको ब्रोन्कियल टियर का खतरा काफी ज्यादा होने लगा था.
ऐसे में इसके लिए लाल थोरैसिक सर्जरी हो सकती थी लेकिन एक एनेस्थेटिक टीम की मदद से इस बोर्ड पिन को ठीक से निकालने के लिए फ्लोरोस्कोपिक से एक एंडोस्कोपी की गई. इसमें वहां के सभी डॉक्टरों ने अपना सहयोग पूरा-पूरा दिया.
पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट और हेपेटोलॉजिस्ट डॉ. सुफला सक्सेना और रेस्पिरेटरी मेडिसिन के डॉ. पुनीत खन्ना के डॉक्टरों की एक टीम ने एंडोस्कोपी की और सफलता से उस नुकीले पिन को बाहर निकाल दिया गया.
डॉ. सक्सेना ने बताया की बच्चों में ये समस्या काफी देखने को मिलती है, इससे सचेत रहना काफी जरूरी होता है. वरना इससे गंभीर समस्या भी हो सकती है. अगर इसका तुरंत इजार नहीं किया गया, तो इससे आंत में रुकावट, और मौत जैसी खतरनाक चीज भी हो सकती है.
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