Main Types Of Hearing Loss: हमने अपने आसपास कई लोगों को देखा होगा जो सही तरीके से सुन नहीं पाते हैं. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक दुनियाभर में करीब डेढ़ अरब लोगों को हियरिंग लॉस की परेशानी है. इसके पीछे शोर, पुरानी बीमारी, बढ़ती उम्र और जेनेटिक कारण हो सकते है. अगर इसका इलाज सही वक्त पर नहीं किया जाए तो भविष्य में परेशानी बढ़ने की आशंका रहती है. कई लोग शर्मिंदगी की वजह से अपनी ये प्रॉब्लम शेयर नहीं करते. आइए जानते हैं कि बहरेपन के कौन-कौन से प्रकार हैं. मशहूर बॉलीवुड मूवी मुझसे शादी करोगी में कादर खान ने 'दुग्गल साहब' का किरदार निभाया था, जो कभी कभार हियरिंग लॉस के भी शिकार होते थे, कई आपको भी तो ऐसी परेशानी पेश नहीं आ रही?
सेंसोरीन्यूरल हियरिंग लॉस (Sensorineural Hearing Loss) सबसे कॉमन प्रॉब्लम है. ऐसा तब होता है जब हियरिंग नर्व या भीतरी कान को नुकसान पहुंचता है. ये नुकसान अक्सर तब होता है जब कॉक्लिया की बालों की कोशिकाएं किसी प्रकार के आघात का अनुभव करती हैं. बुढ़ापा, तेज आवाज के संपर्क में आना, ट्रॉमा, बीमारी, कुछ दवाएं या जेनेटिक कंडीशन भी इस परेशानी को पैदा सकती है. ऐसे में हियरिंग मशीन काफी काम आ सकती है, भले ही यह अक्सर दवा या सर्जरी से ठीक नहीं होता है.
सडेन सेंसोरीन्यूरल हियरिंग लॉस अचानक या कुछ दिनों के अंदर हो सकता है. ऐसे में आपको तुरंत ईयर स्पेशियलिस्ट से संपर्क करना होगा, अगर इस कंडीशन में इलाज में देरी कई गई तो परेशानी को ठीक करना मुश्किल हो जाएगा.
कंडक्टिव हियरिंग लॉस (Conductive Hearing Loss) में साउंड वेव्स हमारे अंदुरूनी कान तक नहीं पहुंच पाते. ऐसा तब होता है जब ईयर कैनाल में कुछ रुकावट होती है, जैसे ईयर वैक्स या कोई बाहरी चीज कान में चली जाए. इसका ईयर इंफेक्शन, बोन एनोमेली, ईयर ड्रम में जख्म भी इसके कारण हो सकते हैं. इसका इलाज जल्द से जल्द करा लेना चाहिए ताकि परेशानी बढ़ न जाए.
मिक्सड हियरिंग लॉस (Mixed Hearing Loss) में किसी इंसान को कंडक्टिव और सेंसोरीन्यूरल, दोनों तरह के हियरिंग लॉस का सामना करना पड़ता है. पहले उनको सेंसोरीन्यूरल और फिर कंडक्टिव प्रॉब्मल आती है. इलाज कैसे किया जाए इसका पता हियरिंग टेस्ट के जरिए लगता है. कान की मशीन आपके काम आ सकती है.
प्रेसबाईक्यूसिस (Presbycusis) को उम्र से जुड़ा बहरापन भी कहा जाता है (Age-Related Hearing Loss), जैसा कि नाम से जाहिर होता है, ये बढ़ती उम्र के साथ डेवलप होता है. जिसे इस तरह कि परेशानी होती है. प्रेस्बीक्यूसिस से पीड़ित व्यक्ति को तेज आवाज सहना या दूसरों की बातें सुनना मुश्किल हो सकता है. दोनों कान एक समान प्रभावित होते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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