Rabies: कुत्ता- बिल्ली या बंदर काटे तो कितने बाद तक लगवा सकते हैं इंजेक्शन? डॉक्टर से जानें रेबीज से निपटने के टिप्स
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Rabies: कुत्ता- बिल्ली या बंदर काटे तो कितने बाद तक लगवा सकते हैं इंजेक्शन? डॉक्टर से जानें रेबीज से निपटने के टिप्स

Rabies in Hindi: अगर किसी को कुत्ता-बिल्ली या बंदर समेत कोई जानवर काट ले या पंजों से नोंच ले तो कितने दिन बाद तक एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगवाया जा सकता है. इस बारे में अधिकतर लोगों को जानकारी नहीं होगी. आज हम इस पर काम के टिप्स लेकर आए हैं. 

 

Rabies: कुत्ता- बिल्ली या बंदर काटे तो कितने बाद तक लगवा सकते हैं इंजेक्शन? डॉक्टर से जानें रेबीज से निपटने के टिप्स

What is the Treatment of Rabies: आजकल गली-मोहल्लों में कुत्तों के हमले की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं. कुत्तों के काटने से रेबीज नाम की खतरनाक बीमारी हो सकती है, जिससे इंसान के पागल होने या मरने की भी नौबत आ सकती है. ऐसे में जब भी कुत्ता काटे तो उसे कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए. झारखंड में पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्ट अनुज कुमाकर अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर हेल्थ अवेयरसनेस से जुड़ी पोस्ट शेयर करते रहते हैं. अब उन्होंने रेबीज बीमारी पर काम की जानकारी शेयर की है, जिसे हम सबको जानना चाहिए. आइए रेबीज पर अपना ज्ञानवर्धन करें.  

कैसे होती है रेबीज बीमारी?

रेबीज जानवरों के काटने से होती है. यह बीमारी सिर्फ़ कुत्तों के काटने से ही नहीं बल्कि बिल्ली, बंदरों इत्यादि से भी हो सकती है. जानवरों के काटने के अलावा उनके नोचने से भी यह बीमारी हो सकती है.

कब लगवाएं एंटी रेबीज इंजेक्शन?

इसकी वैक्सीन की कोई समय सीमा नहीं है. यानी अगर आप किसी वजह से कुत्ते के काटने के 24 घंटे के अंदर इंजेक्शन नहीं लगवा पाए तो बाद में भी लगवा सकते हैं. लेकिन यह इंजेक्शन बॉडी में लक्षण आने से पहले ही लग जाना चाहिए. अगर एक साल पहले काटा है तो अभी भी लगवा सकते हैं.

रेबीज बीमारी के कब दिखते हैं लक्षण

कुत्ते के काटने के बाद उसके लक्षण इंसान के शरीर में रेबीज के लक्षण दिखने में अंतर हो सकता है. किसी में 4 दिन में ही लक्षण नजर आ सकते हैं तो किसी को 25 वर्ष बाद. ऐसे में जानवर के काटने या नोचने के बाद शरीर में लक्षण आने या जानवर के मरने का इंतजार नहीं करना चाहिए. इसके बजाय जल्द से जल्द नजदीकी अस्पताल में जाकर एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवा लेना चाहिए. 

क्या रेबीज का कोई इलाज है?

डॉक्टर अनुज कुमार बताते हैं कि रेबीज लाइलाज बीमारी है. इसकी मृत्यु दर सौ फीसदी है. अगर किसी मरीज में रेबीज के लक्षण उभर गए तो उसी मौत करीब 100 फीसदी तय है. ऐसे में रिस्क लेने के बजाय कुत्ते के काटते ही तुरंत रेबीज रोधी इंजेक्शन लगवा लें. वे कहते हैं जानवरों के काटने या झपट्टा मारने पर रेबीज से बचने के लिए सावधानी और सतर्कता बेहद ज़रूरी है. 

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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