AQI: अगर एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 के पार पहुंच जाए तो सेहत पर कैसा होगा असर?
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AQI: अगर एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 के पार पहुंच जाए तो सेहत पर कैसा होगा असर?

Air Quality: पिछले कुछ दशकों में महानगरों और छोटे शहरों की एयर क्वालिटी बिगड़ने लगी है, बरसात खत्म होने के बाद समस्या और विकराल हो जाती है. आइए जानते हैं कि इससे कैसे नुकसान हो सकते हैं.

AQI: अगर एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 के पार पहुंच जाए तो सेहत पर कैसा होगा असर?

What Will Happen If Air Quality Index Crosses 200: दुनियाभर में बढ़ते हुए प्रदूषण को नापने के लिए एयर क्वालिटी इंडेक्स का सहारा लिया जाता है. भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत कई शहर पॉल्यूशन की मार झेल रहे हैं, हालांकि बरसात के मौसम में थोड़ी राहत जरूर मिलती है, लेकिन बाकि दिनों में गाड़ियों की संख्या इस समस्या को बढ़ा देती है. अगर एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 से कम हो तो आप राहत की सांस ले सकते हैं, लेकिन जब ये 200 के पार चले जाए तो सेहत पर इसका कैसा असर पड़ेगा, आइए जानते हैं.

क्या है हवा की क्वालिटी का पारामीटर? 
जब एयर क्वालिटी इंडिक्स (Air Quality Index) 50 से कम होता है तो इसे 'अच्छा' (Good) माना जाता है. जब AQI 51 से लेकर 100 तक रहता है तो इसे 'संतोषजनक' (Satisfactory), 101 ms 200 के बीच मॉडरेट (Moderate), 301 से लेकर 400 तक एयर क्वालिटी 'बहुत बुरी' और 401 से 500 के बीच खतरनाक (Severe) माना जाता है.

200 के पार AQI का मतलब क्या है?
AQI 200 के पास पहुंचने का मतलब है कि वायुमंडल में विषाणुओं, केमिकल्स, और कणों का स्तर खतरनाक हो गया है, जिसका सीधा असर हमारे सांसों, दिल की सेहत, और मेंटल हेल्थ पर हो सकता है. ऐसे हालात में लोगों को बाहरी हवा से सुरक्षित रहने के लिएसलाह दी जाती है. बच्चों, बूढ़ों, और बीमार लोगों की परेशानी परेशानी बढ़ सकती है.

1. सांस लेने में तकलीफ
जब एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 के पार चला जाता है जो सांस लेने में परेशानी होने लगती है. साथ ही आपको दमा और ब्रोंकाइटिस जैसी रिस्पाइरेटरी डिजीज का खतरा हो सकता है.

2. दिल की बीमारियां
प्रदूषण के अधिक स्तर पर जाने के बाद दिल से जुड़ी बीमारियों को दालत मिलती है, और लोग पहले से हार्ट अटैक जैसी डिजीज के शिकार हैं उनके लिए दिक्कत और ज्यादा बढ़ जाती है.

3. मेंटल हेल्थ
AQI 200 के पास पहुंचने पर लोग मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर सकते हैं, जैसे कि डिप्रेशन और तनाव, इसलिए हमारे वातावरण को प्रदूषण मुक्त करना जरूरी है.

(Disclaimer:प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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