चुनाव प्रचार पर रोक लगाने का चुनाव आयोग का फैसला समझ से परे: सीताराम येचुरी
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चुनाव प्रचार पर रोक लगाने का चुनाव आयोग का फैसला समझ से परे: सीताराम येचुरी

येचुरी ने कहा कि हिंसा के लिए जिम्मेदार बीजेपी और टीएमसी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ आयोग ने कोई कार्रवाई करने के बजाय प्रचार पर रोक लगा दी. आयोग का यह फैसला समझ से परे है. 

सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने पश्चिम बंगाल में जारी चुनावी हिंसा के मद्देनजर निर्धारित समय से एक दिन पहले चुनाव प्रचार प्रतिबंधित करने के चुनाव आयोग के फैसले को समझ से परे बताते हुए चुनाव आयोग से पूछा है कि प्रचार पर रोक लगाने का समय राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों के बाद क्यों निर्धारित किया गया है. 

येचुरी ने बुधवार को आयोग के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि हिंसा के लिए जिम्मेदार बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं के खिलाफ आयोग ने कोई कार्रवाई करने के बजाय प्रचार पर रोक लगा दी. आयोग का यह फैसला समझ से परे है. 

येचुरी ने ट्वीट कर कहा, ‘एक दिन पहले प्रचार अभियान को रोकने का चुनाव आयोग का फैसला समझ से परे है. आयोग से अव्वल तो यह अपेक्षित था कि बीजेपी और टीएमसी के अराजक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाती. इनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?’

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'हमने आयोग से कई बार शिकायत की'
उन्होंने कहा,‘हमने पश्चिम बंगाल में हिंसा और कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के बारे में आयोग से कई बार शिकायत की, लेकिन आयोग से इस पर कोई प्रति उत्तर नहीं मिला.’

Election Commission's decision to stop campaign ban is beyond understanding: Sitaram Yechury

येचुरी ने प्रचार अभियान पर रोक लगाने के समय पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘अगर प्रचार को 72 घंटे पहले ही प्रतिबंधित करना था तो प्रतिबंध का समय कल (गुरुवार) सुबह दस बजे तय क्यों नहीं किया गया? क्या यह प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों को आयोजित करने की छूट देने के लिये किया गया है?’ 

उल्लेखनीय है कि मोदी की 16 मई को पश्चिम बंगाल के दमदम और लक्ष्मीकांतपुर लोकसभा क्षेत्र में दो रैली प्रस्तावित हैं.

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