अपने खिलाफ वंशवादी राजनीति करने का आरोप लगता देखकर जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के संस्थापक एवं पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा बुधवार को एक कार्यक्रम में रो पड़े.
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बेंगलुरू: कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों के लिए सत्ताधारी जेडीएस-कांग्रेस के बीच गठबंधन हो गया है. इस समझौते के तहत जेडीएस आठ सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी. बाकी 20 सीटें कांग्रेस के खाते में जाएंगी. जेडीएस के खाते में परंपरागत मांड्या और हासन सीट आई है. जेडीएस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने अपने दोनों पोतों निखिल कुमारस्वामी और प्रज्वल को क्रमश: मांड्या एवं हासन सीट से मैदान में उतारने का ऐलान कर दिया है. देवगौड़ा के छोटे बेटे एचडी कुमारस्वामी कर्नाटक के मुख्यमंत्री हैं और बड़े बेटे एचडी रेवन्ना उनकी सरकार में मंत्री हैं. उसके बाद अपने दोनों पोतों को सियासी मैदान में उतारने के कारण देवगौड़ा परिवार पर वंशवादी राजनीति का आरोप लग रहा है.
अपने खिलाफ वंशवादी राजनीति करने का आरोप लगता देखकर जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के संस्थापक एवं पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा बुधवार को एक कार्यक्रम में रो पड़े. इस मौके पर उनके बड़े बेटे एच डी रेवन्ना और पोते प्रज्वल रेवन्ना भी रो पड़े. देवेगौड़ा ने हासन में प्रज्वल के प्रचार अभियान की शुरुआत के लिए आयोजित कार्यक्रम में भावुक अंदाज में कहा, ‘‘.....इतने सारे आरोप, मीडिया में सुबह से ही (वे बातें कर) देवगौड़ा, रेवन्ना, कुमारस्वामी और उनके बेटों के बारे में.’’
कर्नाटक: कांग्रेस 20 और जेडीएस आठ सीटों पर लड़ेगी लोकसभा चुनाव
वंशवादी राजनीति का आरोप
प्रज्वल देवेगौड़ा के बड़े बेटे एवं राज्य सरकार में लोक निर्माण मंत्री एच डी रेवन्ना के बेटे हैं. वह हासन सीट से कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के उम्मीदवार हैं. देवगौड़ा की आंखों से आंसू निकलते और उनकी आवाज भर्राई देखकर वहां मौजूद जेडीएस समर्थकों ने उनसे शांत हो जाने का अनुरोध किया. इस कार्यक्रम में प्रज्वल और उनके पिता रेवन्ना भी भावुक हो गए.
If "CRYING" was an art Sri. @H_D_Devegowda & his family would hold the record for mastering the "Art Of Crying" to constantly fool people for decades.
Matter of the fact is
Before elections Deve Gowda & his family cries.
After elections people who vote this family cries. pic.twitter.com/7J8RcqYUO3
— BJP Karnataka (@BJP4Karnataka) March 13, 2019
प्रज्वल उस वक्त रो पड़े, जब देवेगौड़ा ने उन्हें उम्मीदवार घोषित किया और रेवन्ना तब रोए जब विधायक बालकृष्ण इस बार हासन सीट से देवगौड़ा के चुनाव नहीं लड़ने का जिक्र कर रहे थे. बाद में पत्रकारों से बातचीत में पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि मांड्या में उनके पोते निखिल की उम्मीदवारी को लेकर पैदा किए गए विवाद से वह दुखी हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘मांड्या से निखिल को उम्मीदवार बनाने का फैसला जेडीएस नेताओं का था. मैंने घोषणा नहीं की थी. मुझे बहुत दुख हुआ है, वे कह रहे हैं कि निखिल वापस जाओ....’’ देवगौड़ा ने कहा, ‘‘मैं मांड्या जाऊंगा. उन्हें ‘वापस जाओ’ के नारे लगाने दें...मैंने पिछले 60 बरसों में किसके लिए लड़ाई लड़ी है. मैं मांड्या के लोगों के सामने सारी बातें रखूंगा.’’
बीजेपी ने बताया सियासी ड्रामा
वहीं, भाजपा ने देवेगौड़ा पर निशाना साधते हुए इस भावुक वाकये को ‘‘ड्रामा’’ करार दिया. भाजपा ने देवेगौड़ा और उनके परिवार के भावुक होने वाला वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘2019 के चुनावों के लिए पहला ड्रामा शुरू.’’ विपक्षी पार्टी ने कहा, ‘‘यदि ‘रोना’ एक कला है तो एच डी देवगौड़ा और उनका परिवार दशकों से लगातार लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए ‘रोने की कला’ का इस्तेमाल करने में माहिर है. तथ्य यह है कि चुनावों से पहले देवगौड़ा और उनका परिवार रोता है. और चुनावों के बाद उनके परिवार को वोट देने वाले रोते हैं.’’