सिख विरोधी दंगों पर अपनी टिप्पणी को लेकर सैम प्रित्रोदा ने मांगी माफी, कहा, 'मेरी हिंदी कमजोर'
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सिख विरोधी दंगों पर अपनी टिप्पणी को लेकर सैम प्रित्रोदा ने मांगी माफी, कहा, 'मेरी हिंदी कमजोर'

सैम पित्रोदा ने कहा कि मुझे दुख है कि मेरी टिप्पणी का गलत अर्थ निकाला गया. मैं माफी मांगता हूं.

(फोटो साभार - ANI)

नई दिल्ली: 1984 सिख विरोधी दंगों को लेकर कथित तौर पर की गई विवादास्पद टिप्पणी पर सैम प्रित्रोदा ने माफी मांग ली है. सैम प्रित्रोदा ने कहा कि मेरी टिप्पणी का बिल्कुल गलत अर्थ निकाला गया, उसे संदर्भ से अलग कर देखा गया क्योंकि मेरी हिंदी अच्छी नहीं थी. 

उन्होंने कहा, मै जो कहना चाहता था वह यह की जो हुआ बुरा हुआ, मैं अपने दिमाग में 'बुरा' का अनुवाद नहीं कर पाया. पित्रोदा ने कहा कि मुझे दुख है कि मेरी टिप्पणी का गलत अर्थ निकाला गया. मैं माफी मांगता हूं. गौरतलब है कि जब पित्रोदा से 1984 के दंगों को लेकर प्रश्न पूछा गया था तो उन्होंने कथित तौर पर कहा था, ‘84 में हुआ तो हुआ’

बीजेपी ने साधा कांग्रेस पर निशाना
बता दें प्रित्रोदा के बयान को लेकर बीजेपी कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. हरियाणा में शुक्रवार को  एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘कांग्रेस, जिसने अधिकतम समय तक शासन किया वह असंवेदनशील है और यह कल बोले गए तीन शब्दों से प्रकट होता है. ये शब्द यूं ही नहीं कहे गए हैं, ये शब्द कांग्रेस की मानसिकता और मंशा हैं.’

उन्होंने 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर पित्रोदा की टिप्पणी का उल्लेख करते हुये कहा, ‘और ये शब्द कौन से हैं .. ये हैं..हुआ तो हुआ.’ पीएम मोदी ने दोहराते हुए कहा, ‘‘हुआ तो हुआ’’ 

पीएम मोदी ने कहा, ‘हम तीन शब्दों से उन लोगों की आक्रामकता को बहुत आसानी से समझ सकते हैं जो कांग्रेस चला रहे हैं- हुआ तो हुआ.’ पीएम मोदी ने कहा, ‘कल कांग्रेस के एक बड़े नेता ने ऊंची आवाज में 1984 को लेकर कहा कि ‘84 का दंगा हुआ तो हुआ’. क्या आप जानते हैं वो कौन है, वह गांधी परिवार के बहुत निकट है. यह नेता राजीव गांधी का निकट मित्र था और कांग्रेस ‘नामदार’ अध्यक्ष का गुरू है.’

 

 

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