अगर वीवीपैट काउंटिग और EVM के नतीजों में समानता नहीं रही तो फिर क्या होगा?
Advertisement

अगर वीवीपैट काउंटिग और EVM के नतीजों में समानता नहीं रही तो फिर क्या होगा?

सवालों के घेरे में आई ईवीएम का इस्तेमाल साल 2000 के चुनावों से हो रहा है. पारदर्शिता और व्यवस्था में मतदाता का विश्वास बढ़ाने के लिए साल 2013 में ईवीएम से वीवीपैट सिस्टम को जोड़ा गया.

 

 मतों की गिनती इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट (ईटीपीबी) और पोस्टल बैलेट (पीबी) की गणना से शुरू होती है.

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha elections 2019) के मतों की गिनती आठ बजे से शुरू होगी. सवालों के घेरे में आई ईवीएम का इस्तेमाल साल 2000 के चुनावों से हो रहा है. चुनाव आयोग अब तक 113 विधानसभाओं के चुनाव और लोकसभा के तीन चुनाव ईवीएम से करा चुका है. पारदर्शिता और व्यवस्था में मतदाता का विश्वास बढ़ाने के लिए साल 2013 में ईवीएम से वीवीपैट सिस्टम को जोड़ा गया. 

मतों की गिनती के लिए कौन जिम्मेदार है? किसी क्षेत्र में चुनाव कराने के लिए चुनाव अधिकारी (आरओ) उत्तरदायी होता है. इसमें मतों की गणना भी शामिल है. आरओ की तैनाती प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए चुनाव आयोग, राज्य सरकार के परामर्श से करता है.

मतगणना की प्रक्रिया :
मतगणना आरओ द्वारा नियुक्त मतगणना सुपरवाइजरों द्वारा की जाती है. मतगणना हाल में उम्मीदवार अपने मतगणना एवं चुनाव एजेंटों के साथ मौजूद रहते हैं. मतों की गिनती इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट (ईटीपीबी) और पोस्टल बैलेट (पीबी) की गणना से शुरू होती है. इन मतों को सीधे आरओ की निगरानी में गिना जाता है. पीबी की गणना शुरू होने के आधा घंटे बाद ईवीएम मतों की गणना शुरू की जाती है. हर राउंड की समाप्ति पर 14 ईवीएम के नतीजों का ऐलान किया जाता है.

वीवीपैट पर्चियों की गणना की प्रक्रिया क्या है :
प्रत्येक संसदीय क्षेत्र के हर विधानसभा खंड की एक-एक ईवीएम को रैंडम तरीके से वीवीपैट मिलान के लिए चुना जाता है. वीवीपैट पर्चियों का सत्यापन हाल में स्थित एक सुरक्षित वीवीपैट मतगणना बूथ के अंदर किया जाता है. ईवीएम मतों की गिनती के बाद हाल में किसी भी मतगणना मेज को वीवीपैट मतगणना बूथ में बदला जा सकता है. संसदीय क्षेत्र में आम तौर से पांच से दस विधानसभा क्षेत्र आते हैं.

 

इस बार सर्वोच्च न्यायालय ने तय किया है कि हर विधानसभा खंड के पांच रैंडम तरीके से चुने गए मतदान केंद्रों की वीवीपैट पर्चियों का मिलान ईवीएम के नतीजों से किया जाएगा. इसका अर्थ यह हुआ कि हर संसदीय क्षेत्र में वीवीपैट पर्चियों का मिलान 25 से 50 ईवीएम से करना होगा. यह प्रक्रिया सीधे आरओ-एआरओ की निगरानी में होगी.

चुनाव आयोग ने तय किया है कि पांच वीवीपैट की गणना क्रमानुसार की जाएगी. वीवीपैट मिलान प्रक्रिया पूरी होने के बाद आरओ निर्वाचन क्षेत्र के अंतिम नतीजों का ऐलान कर सकता है.
अगर वीवीपैट गणना और ईवीएम के नतीजों में समानता नहीं रही तो छपी हुई पेपर स्लिप की गणना को अंतिम माना जाएगा. चुनाव आयोग ने इसका खुलासा नहीं किया है कि पांच वीवीपैट में से किसी एक की गणना में भी असंगति पाए जाने पर आगे क्या कार्रवाई की जाएगी.

Trending news