चुनाव 2019: BJP के सामने महागठबंधन है सबसे बड़ी चुनौती, बस्ती सीट पर राह आसान नहीं
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चुनाव 2019: BJP के सामने महागठबंधन है सबसे बड़ी चुनौती, बस्ती सीट पर राह आसान नहीं

क्षेत्रफल की दृष्टि से उत्तर प्रदेश के सातवें बड़े जिले बस्ती में इस बार बीजेपी ने 2014 में पार्टी को जीत दिलाने वाले मौजूदा सांसद हरीश द्विवेदी पर ही दांव लगाया है.

बस्ती लोकसभा सीट पर लोकसभा चुनाव 2019 के छठवें चरण में 12 मई को मतदान होना है.

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) का सियारी रण अपने चरम पर है. वहीं, धार्मिक और साहित्यिक क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पहचान वाली बस्ती लोकसभा सीट पर चुनाव दिलचस्प होने वाला है. क्षेत्रफल की दृष्टि से उत्तर प्रदेश के सातवें बड़े जिले बस्ती में इस बार बीजेपी ने 2014 में पार्टी को जीत दिलाने वाले मौजूदा सांसद हरीश द्विवेदी पर ही दांव लगाया है. वहीं, सपा-बसपा-रालोद गठबंधन ने राम प्रसाद चौधरी को उम्मीदवार बनाया है. वहीं सपा के पूर्व कद्दावर नेता रहे राजकिशोर सिंह को कांग्रेस ने बस्ती से प्रत्याशी घोषित किया है. बस्ती लोकसभा सीट पर लोकसभा चुनाव 2019 के छठवें चरण में 12 मई को मतदान होना है.

 

2014 के आम चुनाव में बीजेपी को मिली थी जीत
2014 में हुए आम चुनाव में बस्ती लोकसभा सीट पर बीजेपी की टिकट पर हरीश द्विवेदी ने 3,57,680 वोट पाकर जीत दर्ज करते हुए संसद पहुंचने में कामयाबी हासिल की थी. बीजेपी सांसद हरीश द्विवेदी ने सपा के प्रत्याशी ब्रज किशोर सिंह को 33562 वोटों से हराया था. ब्रज किशोर को 3,24,118 वोट मिले थे. वहीं, इस सीट पर बसपा प्रत्याशी राम प्रसाद चौधरी को 2,83,747 वोट मिले थे. बस्ती लोकसभा सीट पर कुल मतदाता संख्या 1,787,476 है. इनमें 9,62,508 पुरुष मतदाता और 8,24,831 महिला मतदाता हैं. 

ऐसा है राजनीतिक इतिहास
बस्ती लोकसभा सीट पर अभीतक 15 बार आम चुनाव हुए हैं. इनमें बीजेपी ने 5, कांग्रेस ने 6, बीएसपी ने 2, बीएलडी ने 1 और जेडीयू ने 1 बार जीत दर्ज की है. बस्ती लोकसभा सीट पर पहली बार 1957 में चुनाव हुआ था. इस चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी मालवीय केशव देव ने जीत दर्ज की थी. इस सीट पर 1957 से 1971 तक कांग्रेस का कब्जा रहा था. 1977 में इस सीट पर बीएलडी प्रत्याशी शिव नारायण ने जीत के साथ कांग्रेस का वर्चस्व तोड़ा था. वहीं, 1980 में एक बार फिर से बस्ती सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी कल्पनाथ ने जीत हासिल की थी. 1984 में भी यह सीट कांग्रेस के खाते में ही आई थी. 1989 में इस सीट से जेडीयू उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी. वहीं, 1991 से लेकर 1999 तक इस सीट पर बीजेपी का वर्चस्व कायम हुआ. 2004 और 2009 में बस्ती लोकसभा सीट पर बसपा का कब्जा रहा था.

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