कोसी की गोद में स्थित झंझारपुर में बाढ़ वर्षों से एक बड़ी समस्या के तौर पर मुंह बाए खड़ी है. बेरोजगारी और पलायन यहां की मूल समस्या है.
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झंझारपुर : बिहार का झंझारपुर मिथिला का अहम लोकसभा सीट है. यह विधानसभा और लोकसभा दोनों है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र कभी यहां से सांसद और विधायक दोनों बने. 2014 में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कब्जा जमाया था. यहां की जनता ने बीजेपी उम्मीदवार बीरेंद्र कुमार चौधरी को वोट देकर सांसद बनाया. इस सीट पर यह बीजेपी की पहली जीत थी. श्यामनंदन मिश्र, भोगेंद्र झा, धनिक लाल मंडल और गौरीशंकर राजहंस जैसे लोग भी इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
कोसी की गोद में स्थित झंझारपुर में बाढ़ वर्षों से एक बड़ी समस्या के तौर पर मुंह बाए खड़ी है. बेरोजगारी और पलायन यहां की मूल समस्या है. झंझारपुर लोकसभा सीट के लिए 1972 में पहली बार वोट डाले गए थे. कांग्रेस की टिकट पर जगन्नाथ मिश्र चुनाव जीतने में सफल रहे थे. कांग्रेस पार्टी इस सीट पर महज दो बार ही चुनाव जीने में सफल रही है. दूसरी बार 1984 में जीएस राजहंस को जनता का समर्थन मिला था.
1980 में जनता पार्टी की टिकट पर धनिक लाल मंडल झंझारपुर से सांसद बने थे. देवेंद्र प्रसाद यादव ने यहां सबसे अधिक पांच बार जीत दर्ज की है. 1989, 1991 और 1996 में वह जनता दल की टिकट पर चुवा जीते वहीं, 1999 और 2004 में वह राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की टिकट पर सांसद बने. 2009 में यहां से जेडीयू की टिकट पर मंगनी लाल मंडल चुनाव जीतने में सफल रहे.
2014 लोकसभा चुनाव की बात करें तो, 1668405 मतदाताओं वाले झंझारपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में 335481 लोगों ने वोट डाला और उन्होंने जीत दर्ज की. इसके अलावा आरजेडी के मंगनी लाल मंडल को 280073 और जेडीयू के देवेंद्र प्रसाद यादव को 183591 मत मिले थे. इस चुनाव में कुल 941249 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र के तहत 6 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें खजौली, बाबूबरही, राजनगर, झंझारपुर, फूलपरास और लौकहा शामिल है. 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में तीन पर जेडीयू, दो पर आरजेडी और एक सीट पर बीजेपी ने जीत हासिल की.