इंदौरः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रचंड चुनावी लहर के बूते मध्यप्रदेश के इंदौर लोकसभा क्षेत्र के भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी ने रुझानों के मुताबिक अपने नजदीकी प्रतिद्वन्द्वी कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी के खिलाफ पांच लाख से ज्यादा मतों की अपराजेय बढ़त बना ली है. नतीजतन इस सीट पर लगातार नौवीं बार भाजपा की जीत लगभग पक्की हो गयी है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन (76) ने वर्ष 2014 के चुनावों में इंदौर क्षेत्र में अपने नजदीकी प्रतिद्वन्द्वी कांग्रेस उम्मीदवार सत्यनारायण पटेल को चार लाख 66 हजार 901 मतों के विशाल अंतर से हराया था. तब वह एक ही सीट और एक ही पार्टी से लगातार आठ बार लोकसभा पहुंचने वाली देश की पहली महिला सांसद बन गयी थीं. बहरहाल, महाजन के चुनाव लड़ने से इंकार के बाद भाजपा की ओर से उनके चुनावी उत्तराधिकारी बनाये गये लालवानी (57) ने रुझानों के मुताबिक मतों के अंतर के मामले में भाजपा की 76 वर्षीय नेता का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.



इस बीच, शहर भर में भाजपा कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है. वे आतिशबाजी के बीच ढोल की ढाप पर नाचकर अपनी खुशी जता रहे हैं. मतगणना के रुझानों से उत्साहित लालवानी ने संवाददाताओं से कहा, "मुझे अपनी चुनावी जीत का पूरा विश्वास था. लेकिन इतनी बड़ी जीत की कल्पना नहीं थी. मैं इस जीत का श्रेय मोदी, भारतीय जनता पार्टी और लोकसभा में लगातार आठ बार इंदौर की नुमाइंदगी करने वाली सुमित्रा महाजन के कराये गये विकास कार्यों को देता हूं." 


VIDEO: जब प्रियंका के काफिले के सामने लगे मोदी-मोदी के नारे, कांग्रेस नेता गाड़ी से उतरीं...


उन्होंने अपने नजदीकी प्रतिद्वन्द्वी कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी पर तंज कसते हुए कहा, "संघवी टूरिस्ट वीजा लेकर चुनाव के मैदान में आते रहते हैं, जबकि उन्हें लगातार सक्रिय रहकर समाज सेवा करना चाहिये और जनता के बीच रहना चाहिये." लालवानी ने कहा कि इंदौर से लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद वह शहर की यातायात व्यवस्था को बेहतर करने की ओर विशेष तौर पर ध्यान केंद्रित करेंगे.


Video: उज्जैन में प्रियंका गांधी ने की बाबा महाकाल की पूजा, CM कमलनाथ भी साथ रहे मौजूद


"ताई" (मराठी में बड़ी बहन का संबोधन) के नाम से मशहूर महाजन इंदौर क्षेत्र से वर्ष 1989 से 2014 के बीच लगातार आठ बार चुनाव जीत चुकी हैं. लेकिन 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को चुनाव नहीं लड़ाने के भाजपा के नीतिगत निर्णय को लेकर मीडिया में खबरें आने के बाद उन्होंने पांच अप्रैल को खुद घोषणा की थी कि वह इस बार बतौर उम्मीदवार चुनावी मैदान में नहीं उतरेंगी. लम्बी उहापोह के बाद भाजपा ने अपने स्थानीय नेता शंकर लालवानी को महाजन का चुनावी उत्तराधिकारी बनाते हुए इंदौर से टिकट दिया था. (इनपुटः भाषा)