लोकसभा चुनाव 2019 के लिए नेल्लोर सीट पर 11 अप्रैल को मतदान हुआ. नेल्लोर में पिछले 10 साल से वाईएसआर कांग्रेस का कब्जा है. एक बार फिर से टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है. मेकापति राजामोहन दो बार से यहां से सांसद हैं. हालांकि इस बार पार्टी ने उनका टिकट काट दिया है.
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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 के लिए नेल्लोर सीट पर 11 अप्रैल को मतदान हुआ. नेल्लोर में पिछले 10 साल से वाईएसआर कांग्रेस का कब्जा है. एक बार फिर से टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है. मेकापति राजामोहन दो बार से यहां से सांसद हैं. हालांकि इस बार पार्टी ने उनका टिकट काट दिया है. 2014 में मेकापति राजामोहन रेड्डी ने टीडीपी के अदाला प्रभाकर रेड्डी को हराया था. वही प्रभाकर रेड्डी पाला बदलकर वाईएसआर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. इस बार पार्टी ने नेल्लोर सीट से उन्हें टिकट दिया है. अदाला प्रभाकर रेड्डी का मुकाबला टीडीपी नेता मस्तान राव से हैं.
बीजेपी ने चेवरू देवकुमार रेड्डी को जबकि कांग्रेस ने सुरेश रेड्डी सन्नापा रेड्डी को चुनावी मैदान में उतारा है.
नेल्लोर लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 7 सीटें आती हैं. इसमें से कंदकुर, कवाली, अतमाकुर, नेल्लौर शहरी और नेल्लौर ग्रामीण विधानसभा सीट पर वाईएसआर कांग्रेस जबकि वहीं, कोवुर और उदयगिरी में टीडीपी का कब्जा है. वाईएसआर के सामने अपना गढ़ बचाने की चुनौती है. पार्टी जीत की हैट्रिक के लिए प्रयासरत है.
तीन बार सांसद रहे मेकापति राजामोहन रेड्डी
मेकापति राजामोहन रेड्डी तीन बार सांसद रहे हैं. 2009 में वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े. 2012 में उन्होंने वाईएसआर कांग्रेस का दामन थाम लिया. 2012 के उपचुनाव में उन्हें जीत मिली. 2014 आम चुनाव में विजयी होकर जीत की हैट्रिक लगाई. मेकापाती राजमोहन रेड्डी ने किसी तरह जीत पाई. उन्हें 5 लाख 76 हजार 396 वोट मिले. टीडीपी के ए. प्रभाकर रेड्डी को 5 लाख 62 हजार 918 वोट मिले. कांग्रेस तो मुकाबले से बाहर ही रही. कांग्रेस के नारायण रेड्डी 22 हजार 870 वोट पर संतोष करना पड़ा.