लोकसभा चुनाव 2019 : क्या शरद यादव तोड़ पाएंगे मधेपुरा का चक्रव्यूह?
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लोकसभा चुनाव 2019 : क्या शरद यादव तोड़ पाएंगे मधेपुरा का चक्रव्यूह?

1989 में शरद यादव को भारत सरकार में टेक्सटाइल और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री बनाया. इसके बाद उन्होंने बिहार का रुख किया. 1991 और 1996 में मधेपुरा से सांसद चुने गए. 

शरद यादव का सियासी सफरनामा. (फाइल फोटो)

मधेपुरा : मध्यप्रदेश के रहने वाले शरद यादव ने 90 के दशक से अपना सियासी ठिकाना बिहार को बनाया. वह 1991 और 1996 में मधेपुरा लोकसभा सीट से सांसद बने थे. वैसे शरद यादव के सियासी सफर की शुरुआत इमरजेंसी से पहले हुए. वह 1974 में पहली बार जबलपुर से सांसद बने थे. 1977 में वह दोबारा इसी सीट से सांसद चुने गए. शरद यादव इसके बाद 1986 में राज्यसभा सांसद बने. अगले ही लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपनी सीट बदल ली और बदाऊं सीट से चुनाव लड़े और जीते.

1989 में शरद यादव को भारत सरकार में टेक्सटाइल और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री बनाया. इसके बाद उन्होंने बिहार का रुख किया. 1991 और 1996 में मधेपुरा से सांसद चुने गए. 1997 में उन्हें जनता दल का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया.

शरद यादव ने जनता दल से राह अलग कर 1998 में समता पार्टी का गठन किया. 1999 में वह वाजपेयी सरकार में नागरिक उड्डयन विभाग के मंत्री बने. 2001 में केंद्रीय श्रम मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री बनाया गया. शरद यादव को 2004 में राज्यसभा से दूसरी बार सांसद बनाया गया. 2009 के लोकसभा चुनाव में वह मधेपुरा से चुनाव जीते. महागठबंधन से जेडीयू की राह अलग होने के बाद उन्होंने नीतीश कुमार और जेडीयू से दूरी बना ली.

शरद यादव मधेपुरा लोकसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. उनका मुकाबला पप्पू यादव और दिनेश चंद्र यादव से है.

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