शीला दीक्षित: पहले CM, फिर बनीं राज्यपाल और अब लड़ रहीं हैं लोकसभा चुनाव
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शीला दीक्षित: पहले CM, फिर बनीं राज्यपाल और अब लड़ रहीं हैं लोकसभा चुनाव

 शीला दीक्षित 1998 से 2013 तक लगातार 3 बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. इसके बाद वह 2014 में केरल की राज्यपाल भी रहीं. 

शीला दीक्षित साल 1998 में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष बनाई गईं.

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं की बात करें तो शीला दीक्षित के नाम की चर्चा भी जरूर होती है. 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी शीला दीक्षित लोकसभा चुनाव 2019 में दिल्ली के उत्तर पूर्वी सीट से चुनाव लड़ रही है. इनका मुकाबला इस बार बीजेपी नेता मनोज तिवारी से है जो बीजेपी दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष के साथ अभी मौजूदा सांसद भी हैं.  

वहीं कांग्रेस की दिग्गज नेता शीला दीक्षित की बात करें तो उनके लिए यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहने के बाद वह लंबे समय के अंतराल पर लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने चुनावी रण में उतरी हैं. हालांकि कुछ समय पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की खबरें आ रही थी लेकिन फिर कांग्रेस ने फैसला गठबंधन का फैसला न लेते हुए सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे, जिसमें शीला दीक्षित का नाम भी शामिल है.

साथ ही शीला दीक्षित के राजनीतिक सफर की बात करें तो वह 1984 से 89 तक वे कन्नौज (उप्र) से सांसद रहीं. इस दौरान वह संयुक्त राष्ट्र में महिलाओं के आयोग में भारत की प्रतिनिधि रहने के साथ लोकसभा की समितियों में भी शामिल रहीं. शीला दीक्षित राजीव गांधी सरकार में केन्द्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं. वहीं शीला दीक्षित 1998 से 2013 तक लगातार 3 बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. इसके बाद वह 2014 में केरल की राज्यपाल भी रहीं. 

वहीं शीला दीक्षित के व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो उनका जन्म पंजाब के कपूरथला में हुआ था. शीला दीक्षित ने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस से इतिहास में मास्टर डिग्री हासिल की है. उनकी शादी यूपी के उन्नाव के आईएएस अधिकारी स्वर्गीय विनोद दीक्षित से हुआ था. बता दें कि विनोद दीक्षित बंगाल के पूर्व राज्यपाल और कांग्रेस के बड़े नेता स्वर्गीय उमाशंकर दीक्षित के बेटे थे. शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित भी दिल्ली के सांसद हैं.

दिल्ली की 3 बार मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित को राजीव गांधी के बाद सोनिया गांधी ने खासा महत्व दिया. शीला दीक्षित साल 1998 में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष बनाई गईं. 1998 में ही लोकसभा चुनाव में वह कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में पूर्वी दिल्ली से चुनावी रण में उतरीं पर हार गईं. लेकिन फिर उन्होने दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाते हुए लगातार तीन बार मुख्यमंत्री रहीं. 

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