To The Point: जिस अपराधी पर 1 लाख का इनाम हो जिस पर क्राइम के दर्जनों मुकदमे दर्ज हों. जिसने 5 करोड़ की डकैती को अंजाम दिया हो. और तो और जिसने पुलिसवालों पर हमला किया हो. और तब उसका एनकाउंटर हो जाए. तो उस एनकाउंटर को फर्जी कहना क्या जायज है ? लेकिन यूपी में ऐसा ही हो रहा है. अखिलेश यादव ने एनकाउंटर में मारे गए आरोपी मंगेश यादव के एनकाउंटर को जाति से जोड़ते हुए फर्जी बताया है. और जांच की मांग की है. अब अखिलेश यादव आरोप लगा रहे हैं कि अधिकारियों पर मेडिकल रिपोर्ट बदलने का दवाब बनाया जा रहा है. लेकिन सवाल ये है कि इस वारदात में मंगेश के अलावा 3 और भी आरोपी यादव जाति के थे लेकिन अखिलेश यादव उनको लेकर कुछ भी नहीं बोल रहे है. सवाल ये है कि क्या अपने सियासी नफे और नुकसान को देखर ही जाति का मुद्दा उठाया जा रहा है. क्या पुलिस अब जाति देखकर एक्शन लेगी ?
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