Sarkari Naukri Exam: देश के युवा आगे बढ़ने और सरकारी नौकरी पाने का कोई अवसर न चूकें, इसलिए सरकार उनके हित में एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. अब सरकारी परीक्षाएं 15 भाषाओं में भी आयोजित की जाएंगी.
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Sarkari Naukri Exam: सरकारी नौकरी पाने के लिए विभिन्नम प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी कर रहे कैंडिडेट्स के लिए बहुत शानदार खबर है. कई बार परीक्षा में बहुत से सवालों के सही जवाब पता होने के बावजूद अभ्यर्थी उनका जवाब नहीं दे पाते, ऐसा इसलिए होता कि कई बार उन्हें यह समझ ही नहीं आती कि आखिर सवाल क्या पूछा गया है?
अब सरकार जल्दी ही उम्मीदवारों की मुश्किल आसान करने जा रही है, क्योंकि कैंडिडेट्स अपनी स्थानीय भाषा में कोई भी सेंट्रल गवर्नमेंट की परीक्षा (Govt Job Exam) दे सकेंगे. बता दें कि केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने बीते बुधवार को जानकारी साझा करते हुए बताया कि केंद्र ने हाल ही में SSC द्वारा आयोजित सरकारी नौकरी भर्ती परीक्षा (Sarkari Naukri Recruitment Exam) 15 भाषाओं में आयोजित करने का फैसला लिया है
देश के युवा न चूकें कोई अवसर
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की 14वीं हिंदी सलाहकार समिति की बैठक में मंत्री ने कहा, "यह ऐतिहासिक फैसला स्थानीय युवाओं की भागीदारी को बढ़ावा देगा और क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहित करेगा. परिणामस्वरूप लाखों उम्मीदवार अपनी मातृभाषा/क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा में भाग लेंगे और उनकी चयन संभावनाओं में सुधार होगा."
इन भाषाओं में आयोजित की जाएंगी परीक्षाएं
कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने कहा, "हाल ही में 15 भारतीय भाषाओं में सरकारी नौकरी परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया गया है, ताकि भाषा की बाधा के कारण देश का कोई भी युवा नौकरी के अवसर से न चूक जाए."
कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली भर्ती परीक्षा का जिक्र करते हुए कहा कार्मिक राज्य मंत्री, "हिंदी और अंग्रेजी के अलावा अब क्वेश्चन पेपर 13 क्षेत्रीय भाषाओं जैसे असमिया, बंगाली, गुजराती, मराठी, मलयालम, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, उड़िया, उर्दू, पंजाबी, मणिपुरी (मैती) और कोंकणी में भी सेट किया जाएगा."
अपनी भाषा में मिलेगी तकनीकी शिक्षा
जेईई, नीट और यूजीसी परीक्षाएं 12 भाषाओं में आयोजित की जा रही हैं. मंत्री ने कहा, "यूपीएससी में अभी उच्च अध्ययन विषय की किताबों की कमी है, लेकिन भारतीय भाषाओं में विशेष पुस्तकों को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा मंत्रालय के साथ समन्वय में प्रयास जारी है. एमपी में मेडिकल की शिक्षा हिंदी में शुरू हो गई है और जल्द ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिंदी में शुरू होगी, इसकी किताबों का अनुवाद किया जाएगा."