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मुंबई : देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक ने संकेत दिया है कि वह अपने बचत खातों पर ब्याज दरों में 1.25 प्रतिशत तक की वृद्धि कर सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक ने बचत खातों पर ब्याज दरों को नियंत्रणमुक्त कर दिया है। ऐसे में अन्य बैंकों से मिलने वाली प्रतिस्पर्धा के मद्देनजर एसबीआई ने बचत खातों पर ब्याज दरों में बड़ी वृद्धि का संकेत दिया है।
एसबीआई के चेयरमैन प्रतीप चौधरी ने कहा कि औसतन हम बचत खातों पर ब्याज में एक से सवा प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। इससे पहले इसी सप्ताह केंद्रीय बैंक ने बैंकों के बचत खातों को नियंत्रणमुक्त कर दिया था जिसके बाद बैंकों को अपनी ब्याज दरें तय करने का खुद अधिकार होगा।
रिजर्व बैंक की घोषणा के तुरंत बाद निजी क्षेत्र के यस बैंक ने बचत खातों पर ब्याज दर को चार से बढ़ाकर छह प्रतिशत कर दिया था। फिलहाल बैंक बचत खातों पर 4 प्रतिशत का ब्याज देते हैं।
ब्याज दरों को नियंत्रणमुक्त करने के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने एक टीवी चैनल के साथ साक्षात्कार में कहा कि मुझे लगता है कि बचत खातों पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी तय है। हम बचत खातों के कोष की लागत पर कुछ दबाव के लिए तैयार हैं।
हालांकि, एसबीआई के चेयरमैन ने कहा कि हम इस दिशा में पहले कदम उठाने वाले में नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि एसबीआई ज्यादा चिंतित नहीं है, क्योंकि उसकी कुल जमा का 34 फीसद बचत खातों में है। इसकी वजह बैंक को व्यापक वितरण नेटवर्क है। हम यह देखेंगे कि अन्य बैंक इस बारे में क्या करते हैं, उसके बाद ही हम कोई कदम उठाएंगे। (एजेंसी)