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नई दिल्ली : विमानन नियामक डीजीसीए ने किंगफिशर एयरलाइंस के 15 विमानों का पंजीकरण रद्द कर दिया है। इससे पट्टे पर विमान देने वाली वैश्विक कंपनियां किंगफिशर से अपने विमान वापस ले सकेंगी। नागर विमानन महानिदेशक अरूण मिश्र ने आज यहां इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि वह जल्दी ही कर अधिकारियों, हवाईअड्डा परिचालकों तथा अन्य कंपनियों के साथ किंगफिशर के बकाये के बारे में चर्चा करेंगे। हवाईअड्डा परिचालकों खासकर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने शराब कारोबारी विजय माल्या के स्वामित्व वाली कंपनी के कई विमान जब्त किये हैं और यह निर्णय किया है कि जबतक किंगफिशर बकाये का भुगतान नहीं करती, विमान वापस नहीं लौटाये जाएंगे।
जर्मनी का बैंक डीवीबी समेत पट्टे पर देने वाली कुछ कंपनियांे ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है जिस पर अदालत ने आदेश दिया है कि पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों का इन विमानों पर हक है। डीवीबी के प्रतिनिधियों ने कल डीजीसीए से यहां मुलाकात कर किंगफिशर के दो और विमानों का पंजीकरण रद्द करने की मांग की।
दोनों विमानों को मरम्मत के लिये तुर्की भेजा गया था जिसे डीवीबी ने जब्त कर लिया। हालांकि जबतक विमानों का पंजीकरण पट्टा प्राप्त करने वाले देश में रद्द नहीं होता, जर्मन बैंक उस पर दावा नहीं कर सकता और न ही उसे बेच सकता है।
उद्योग मंडल सीआईआई के एक कार्यक्रम में एएआई के चेयरमैन वी पी अग्रवाल ने अलग से बातचीत में कहा कि किंगफिशर के पास खुद के 10 विमान है और अन्य 15 विमान पट्टे पर है जिनका पंजीकरण रद्द किया जाना है। (एजेंसी)