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न्यूयॉर्क : भारतीय अर्थव्यवस्था में नरमी को अस्थायी बताते हुए वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने आज कहा कि यह दो साल में 8 प्रतिशत की वृद्धि दर पर लौट आएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत सालाना 50 अरब डालर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश खपा सकता है।
चिदंबरम ने चालू खाते के घाटे का अधिक होने की वास्तविकता को स्वीकारते हुए कहा है कि सरकार ने इसके घटाने के लिए कोई समयसीमा या लक्ष्य नहीं रखा है। हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि तेल की कीमतों में नरमी से यह घाटा घटाने में मदद मिलेगी हो 2012-13 में बढ़कर जीडीपी का लगभग पांच प्रतिशत हो गया।
यहां अंतरराष्ट्रीय मीडिया को संबोधित करते हुए चिदंबरम ने कहा कि सरकार क्षेत्रवार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सीमा की समीक्षा कर रही है। उन्होंने कहा, `भारत 8 प्रतिशत की संभावित वृद्धि दर हासिल करने को तैयार खड़ा है और देश ने विदेशी निवेश की कोई सीमा तय नहीं की है।` उन्होंने कहा, `देश के रूप में हम 50 अरब डालर का निवेश एक साल या अधिक अवधि में खपा सकते हैं। विदेशी मुद्रा प्रावाह के लिहाज से पहली वरीयता एफडीआई की है, उसके बाद एफआईआई व विदेशी वाणिज्यिक उधारी है।` उन्होंने कहा कि एफडीआई किसी भी अन्य देश की तरह भारत के लिए भी महत्वपूर्ण है। (एजेंसी)