[caption id="attachment_8427" align="alignnone" width="265" caption="भारतीय रिजर्व बैंक"][/caption]
ज़ी न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली: शुक्रवार को रिजर्व बैंक नए ब्याज दर का ऐलान करेगा. लोगों की नज़रें रिजर्व बैंक पर टिकी है जिसके फ़ैसले से तय होगा कि मासिक किश्त का बोझ बढ़ेगा या नहीं.
शुक्रवार दोपहर तक मौद्रिक और कर्ज़ नीति की तिमाही समीक्षा सामने आ जाएगी जिससे तय होगा कि ब्याज दरों में कितना बदलाव आने वाला है.
पिछले दो साल में रिजर्व बैंक 11 बार छोटी अवधि के लिए ब्याज दरें बढ़ा चुका है. इस वृद्धि के बीच जो होम लोन चार साल पहले सात फीसदी के ब्याज पर मिलता था वो अब 12 फीसदी से कम पर नहीं मिल रहा है.
लगातार ब्याज दरें बढ़ाने से मार उन पर भी पड़ी है जिन्होंने लोन तो पहले ले लिया था लेकिन अब उनकी मासिक किश्त बढ़ा दी गई. हालांकि जिन लोगों ने फिक्स्ड रेट पर लोन लिया उन्हें थोड़ी राहत है.
आखिरी बार रिजर्व बैंक ने 26 जुलाई को रेपो और रिवर्स रेपो दर में आधा फ़ीसदी की वृद्धि की थी.
रेपो दर वह है जिस रेट पर रिजर्व बैंक अन्य बैंकों को कर्ज़ देती है. अन्य बैंक रिजर्व बैंक में जो पैसा जमा करते हैं उस पर मिलने वाला ब्याज रिवर्स रेपो दर कहलाता है.
फिलहाल रेपो रेट आठ फीसदी और रिवर्स रेपो रेट सात फीसदी है. नज़रें सीआरआर यानी नकद आरक्षी अनुपात पर भी होगी जिसमें पिछली दफा कोई बदलाव नहीं किया गया था.
सीआरआर वह राशि है जो सभी बैंकों को रिजर्व बैंक के पास जमा रखना ही होता है.