मुंबई. तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के अगले हफ्ते निर्धारित 12,000 करोड़ रुपए के फॉलो ऑन पब्लिक इश्यू यानी एफपीओ को केंद्र सरकार ने तत्काल टाल दिया है. इसकी जानकारी सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को एक बयान में दिया.
कहा गया है कि सरकार ने पहले बताए गए ऑफर प्रोग्राम पर आगे न बढ़ने का फैसला लिया है और वह आगे ऑफर से जुड़े अपने फैसले का मूल्यांकन करेगा. फिलहाल सरकार ही इसकी शेयर धारक है.
खबर है आई थी कि इस इश्यू पर संकट बना हुआ है और इस बहुप्रतीक्षित शेयर की बिक्री पर शुक्रवार को अंतिम फैसला लिया जाएगा. ओएनजीसी के अधिकारियों और वरिष्ठ लोगों की एक टीम के दुनियाभर में इशू को लेकर अंतरराष्ट्रीय रोड शो पूरा कर लौटने के बाद से इस इशू के टलने की स्थितियां बनाने लगी.
सार्वजनिक कंपनियों में इसकी हिस्सेदारी बेचकर 40,000 करोड़ रुपए जुटाने का हिसाब वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की योजना का हिस्सा था.
ओएनजीसी के इस इश्यू को लेकर बाजार प्रतिक्रिया बहुत उत्साहजनक नहीं थी. माना जा रहा है कि सरकार के फैसले का बाजार ने स्वागत किया. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में शुक्रवार को ओएनजीसी के शेयरों में 5 फीसदी से ज्यादा उछाल देखने को मिला. दिन के कारोबार के दौरान कंपनी के शेयरों में 7.7 फीसदी तक उछाल दर्ज किया गया. इससे पहले इस साल कंपनी के शेयरों में करीब 17 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है.
पहले भी कंपनी के फॉलो ऑन पब्लिक योजना को कई बार टाला गया है. एफपीओ को सबसे पहले वित्त वर्ष 2010-11 में लाने की योजना बनाई गई थी. लेकिन शेयर बाजार की प्रतिकूल स्थितियों के कारण इसे टाल दिया गया. बैंक ऑफ अमेरिका कॉर्प, नोमुरा होल्डिंग्स, एचएसबीसी होल्डिंग्स, जेएम फाइनैंशल सर्विसेज, सिटी ग्रुप और मॉर्गन स्टैनेली समेत छह मर्चेंट बैंकरों को इस इश्यू के लिए चयन किया गया था.