यूरो संकट का विमानन कंपनियों पर असर

यूरो क्षेत्र में ऋण संकट का वैश्विक विमानन उद्योग पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है। इस संकट के कारण वैश्विक स्तर पर विमानन उद्योग को अगले साल 8.3 अरब डालर का नुकसान होने की आशंका है।

 

जिनेवा : यूरो क्षेत्र में ऋण संकट का वैश्विक विमानन उद्योग पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है। इस संकट के कारण वैश्विक स्तर पर विमानन उद्योग को अगले साल 8.3 अरब डालर का नुकसान होने की आशंका है। इसमें अकेले एशिया-प्रशांत क्षेत्र में उद्योग को 1.1 अरब डालर का नुकसान होने का अनुमान है।

 

वैश्विक स्तर पर विमान कंपनियों के संगठन इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) ने कहा कि यूरोप में सरकारी ऋण संकट के बैंकिंग संकट में तब्दील होने का खतरा हैं ऐसे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विमानन उद्योग को अगले साल घाटा हो सकता है।

 

जहां यूरोप क्षेत्र में कंपनियों को सर्वाधिक 4.4 अरब डालर का घाटा हो सकता है वहीं उत्तरी अमेरिका में 1.8 अरब डालर तथा एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 1.1 अरब डालर का नुकसान होने की आशंका है। पश्चिम एशिया एवं लैटिन अमेरिका में 40 करोड़ डॉलर तथा अफ्रीका में 20 करोड़ डालर का घाटा हो सकता है। आईएटीए के मुख्य अर्थशास्त्री ब्रियान पियर्से ने यहां कहा कि इस परिदृश्य में विमानन उद्योग को वैश्विक स्तर पर कुल 8.3 अरब डालर का घाटा हो सकता है।

 

इससे पहले, आईएटीए के महानिदेशक टोनी टेलर ने कहा कि यह सबसे खराब स्थिति है। उम्मीद है कि सरकार कठिन स्थिति को समझेगी। पियर्से ने से कहा कि अगले साल पूरे क्षेत्र में स्थिति खराब रह सकती है। यात्री तथा माल ढुलाई के मामले में कमी आने का अनुमान है। हालांकि उन्होंने कहा कि ईंधन कीमत के मामले में कंपनियों को कुछ राहत मिल सकती है और यह 85 डालर बैरल पर स्थिर रह सकती है।

(एजेंसी)

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