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नई दिल्ली : आयकर विभाग को चालू वित्त वर्ष में आयकर रिटर्न की ई-फाइलिंग (इलेक्ट्रानिक माध्यम से रिटर्न दाखिल) दोगुनी होने की संभावना है। इसका कारण सालाना 10 लाख रुपये से अधिक आय वाले और विदेश में संपत्ति रखने वाले करदाताओं के लिए इलेक्ट्रानिक प्रारूप में रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य किया जाना है।
विभाग ने 2011-12 के दौरान 1.64 करोड़ ई-रिटर्न दर्ज किए और विभाग को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में यह संख्या बढ़कर 3.20 करोड़ से अधिक पहुंच सकती है। इस दौरान ई-रिटर्न दाखिल करने वाले नए करदाताओं की संख्या भी बढ़ने की उम्मीद है। आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘विभाग को ई-फाइलिंग करने वाले नए करदाताओं की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। चालू वित्त वर्ष में यह संख्या दोगुनी हो सकती है।’
आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई है। ई-रिटर्न के मध्यस्थों ने भी ई-फाइलिंग का विकल्प अपनाने वाले करदाताओं की संख्या बढ़ने की उम्मीद जताई है। आयकर विभाग द्वारा अधिकृत ये मध्यस्थ करदताओं के लिए अभिकर्ता के तौर पर काम करते हैं। (एजेंसी)