‘सिक्स पैक एब्स’ पर था सांगवान का ज्यादा ध्यान
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‘सिक्स पैक एब्स’ पर था सांगवान का ज्यादा ध्यान

पूर्व भारतीय गेंदबाज और दिल्ली के कोच मनोज प्रभाकर ने कहा कि प्रदीप सांगवान ने कभी उनकी सलाह नहीं मानी और वह ‘सिक्स पैक एब्स’ बनाने के लिए जिम में घंटों बिताता था।

नई दिल्ली : पूर्व भारतीय गेंदबाज और दिल्ली के कोच मनोज प्रभाकर ने कहा कि प्रदीप सांगवान ने कभी उनकी सलाह नहीं मानी और वह ‘सिक्स पैक एब्स’ बनाने के लिए जिम में घंटों बिताता था।
प्रभाकर से जब डोपिंग के दोषी पाए गए क्रिकेटर के बारे में टिप्पणी करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘कोई भी उसे सही या गलत के लिये सलाह देने के लिये मौजूद नहीं था। मैं उसे लगातार कहा करता था कि अपने ऊपर के शरीर की मांसपेशियों से इतना ‘वर्कआउट’ मत करो कि इससे तुम्हारी गेंदबाजी पर असर पड़े। तुम एक सामान्य गेंदबाज बन जाओगे। लेकिन उसने मेरी सलाह नहीं मानी।’
प्रभाकर ने कहा कि युवा गेंदबाज ‘सिक्स पैक एब्स’ बनाने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा, ‘इन दिनों ‘बाडी बिल्डिंग’ काफी फैशन में है। क्रिकेटर अपने लुक्स के बारे में ज्यादा चिंतित रहते हैं और इसके लिये आईपीएल को दोषी ठहराया जाना चाहिए। एक बार मैंने सांगवान से पूछा, ‘तुम किस चीज के लिये तैयार हो रहे हो दिन के क्रिकेट के लिये या रात की पार्टी के लिये’।’ वह इस बात से काफी दुखी हैं कि वह कोई भी सांगवान को यह बात नहीं समझा सकता कि केवल गठीला बदन और चौड़े कंधे रखना ही गेंदों की रफ्तार नहीं बढ़ा सकता।
प्रभाकर पहले दिल्ली की टीम के गेंदबाजी कोच थे और बाद में मुख्य कोच बन गये। उन्होंने कहा, ‘वह मुझे बताता था कि इस शरीर से उसे 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करने में मदद मिलेगी। मैंने उसे बताया था कि उस समय वह 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से भी गेंदबाजी नहीं कर पायेगा और मैं सही था। उसके फूलते शरीर ने उसे गेंद को स्विंग कराने में मदद नहीं मिली।’ उन्होंने कहा कि वह इस बात से भी हैरान हैं कि प्रतिभाशाली गेंदबाज जैसे सांगवान ने खुद का किस तरह नुकसान पहुंचाया है।
प्रभाकर ने कहा, ‘उसका भविष्य उज्जवल था। वह नियमित रूप से गेंद स्विंग करता था और काफी प्रभावशाली था। मैंने उसके जैसा एथलीट नहीं देखा। वह इतना निरंतर था कि मुझे लगता था कि वह इशांत शर्मा से पहले भारत के लिये आगाज करेगा। लेकिन उसकी फार्म का गिरना निराशाजनक है।’
उन्होंने कहा, ‘तेज गेंदबाज के शरीर का निचला हिस्सा मजबूत होना चाहिए। जिम में ऊपर के शरीर का अभ्यास करना तेज गेंदबाज के लिये शाप है। मैंने उसे कहा कि शरीर के ऊपरी हिस्से की ट्रेनिंग के लिये ‘वेट’ का इस्तेमाल मत करो।’ पूर्व तेज गेंदबाज और दिल्ली के मौजूदा कोच संजीव शर्मा भी जूनियर चयन समिति के अध्यक्ष थे जब सांगवान ने भारत की अंडर 19 टीम में जगह बनायी थी। वह हैरान थे कि ऐसा कैसे हुआ।
उन्होंने हालांकि उम्मीद जतायी कि सांगवान इससे उबरकर अपनी फार्म हासिल करेगा। उन्होंने कहा, ‘सांगवान कड़ी मेहनत करने वाला गेंदबाज है और अगर उस पर ज्यादा समय का प्रतिबंध नहीं लगता तो वह निश्चित रूप से वापसी कर सकता है। लेकिन दो साल का समय काफी मुश्किल हो सकता है।’ (एजेंसी)

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