क्रिकेट के भगवान की एक पारी का अंत

भारतीय क्रिकेट जब जब संकट के दौर से गुजरा, संकट से उबारने के लिए सचिन रमेश तेंदुलकर के रूप में भगवान ने अवतार लिया। सचिन तेंदुलकर ने भारतीय क्रिकेट को एक नई ऊंचाई दी। आज क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने अपने क्रिकेट करियर की एक पारी की समाप्ति की घोषणा करते हुए वनडे क्रिकेट को संन्यास ले लिया।

रामानुज सिंह
भारतीय क्रिकेट जब जब संकट के दौर से गुजरा, संकट से उबारने के लिए सचिन रमेश तेंदुलकर के रूप में भगवान ने अवतार लिया। सचिन तेंदुलकर ने भारतीय क्रिकेट को एक नई ऊंचाई दी। आज क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने अपने क्रिकेट करियर की एक पारी की समाप्ति की घोषणा करते हुए वनडे क्रिकेट को संन्यास ले लिया।
भारत में क्रिकेट दरअसल खेल नहीं धर्म है और उस धर्म में सचिन भगवान की तरह पूजे जाते हैं। उनका अचानक वनडे क्रिकेट को अलविदा कहना करोड़ों प्रशंसकों के लिए सदमे से कम नहीं है। अब सचिन को चाहने वालों को उनका कलात्मक खेल नहीं दिखेगा, न तो टी-20 और न ही वनडे में। टी-20 से तो सचिन ने पहले ही संन्यास ले लिया था। अपने 23 साल के क्रिकेट करियर में सचिन ने दुनिया के सबसे तेज गेंदबाज शोएब अख्तर और सबसे बेहतरीन स्पिनर शेन वॉर्न को अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाया। दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाजों में सबसे श्रेष्ठ सचिन के सामने उनके समकक्ष ब्रायन लारा और रिकी पॉन्टिंग भी उनकी तारीफ करते नहीं थकते हैं। सचिन सिर्फ बेहतरीन क्रिकेटर ही नहीं बल्कि सुलझे हुए इंसान भी हैं। कभी विवादों में नहीं रहने वाले सचिन को तभी तो राज्यसभा में बतौर सांसद मनोनीत किया गया।
सचिन तेंदुलकर ने अपने क्रिकेट करियर में कीर्तिमानों की झड़ी लगा दी, इसलिए सचिन को क्रिकेट का शहंशाह कहा जाता है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का शतक बनाया। सचिन ने 100वां शतक बांग्लादेश के खिलाफ 16 मार्च 2012 को मीरपुर में बनाया था। वनडे करियर की शुरुआत सचिन ने 1989 में पाकिस्तान के गुजरांवाला में भारत के चिरप्रतिद्वंदी पाकिस्तान के खिलाफ की थी। टेस्ट करियर का आगाज भी 1989 में पाकिस्तान के कराची में किया था। हालांकि पहला शतक लगाने में सचिन को पांच साल लग गए। वर्ष 1994 में उन्होंने वनडे का पहला शतक कोलंबो में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाया था। उसके बाद सचिन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वनडे में 450 से ज्यादा मैच खेलकर 451 पारी में 41 बार नॉट आउट रहते हुए 96 अर्धशतक 49 शतकों के साथ करीब 45 के औसत से रिकॉर्ड 18426 रन बनाए। वनडे में उनका सर्वाधिक स्कोर 200 है जो उन्होंने 2010 में ग्वालियर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बनाया था। उस समय यह स्कोर वनडे का वर्ल्ड रिकॉर्ड था। सहवाग ने आठ माह बाद 219 रन बनाकर सचिन के इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया। टेस्ट क्रिकेट में भी सचिन ने रनों का पहाड़ खड़ा किया। 190 मैच में 300 से अधिक पारियों में 32 बार नॉट आउट रहते हुए 66 अर्धशतक और 51 शतकों के साथ करीब 55 के औसत से रिकॉर्ड 15 हजार से ज्यादा रन बनाए। टेस्ट में उनका सर्वाधिक स्कोर 248 रन है।
इंटरनेशनल क्रिकेट में 15 नवंबर 1989 को पदार्पण करने से बहुत पहले सचिन ने अपनी प्रतिभआ का परिचय दे दिया था। 1988 में लार्ड हैरिस शील्ड अंतर स्कूल मैच में अपने मित्र विनोद कांबली के साथ 664 रन की अटूट साझेदारी की थी। सचिन ने अपना पहला टेस्ट शतक इंग्लैंड के खिलाफ 1990 में ओल्ड ट्रैफर्ड में लगाया था। इसके बाद उन्होंने 1991-92 के ऑस्ट्रेलिया दौर में सिडनी और पर्थ में दो बेहतरीन शतकीय पारियां खेली थी। इसके बाद तो बल्लेबाजी का कोई भी रिकॉर्ड उनसे अछूता नहीं रहा। वह केवल ब्रायन लारा के टेस्ट क्रिकेट में नाबाद 400 रन और प्रथम श्रेणी मैचों में नाबाद 501 रन की सर्वोच्च व्यक्तिगत पारी के रिकॉर्ड तक नहीं पहुंच पाए। वनडे क्रिकेट की शुरुआत 1971 में हो गयी थी लेकिन सचिन ने ही इस प्रारूप में हाल ही में पहला दोहरा शतक जमाया। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फरवरी 2010 में ग्वालियर में यह कारनामा कर दिखाया। इसे टाइम पत्रिका ने वर्ष के दस प्रमुख खेल घटनाओं में शामिल किया था। उनका विकेट लेना गेंदबाजों के लिए सबसे कीमती रहा और दुनिया के जिस गेंदबाज को भी उनका विकेट मिला उसने इसका शानदार जश्न मनाया।
सचिन पूरी तरह से टीम रीढ थे। उन्होंने युवा खिलाड़ियों को मौका देने के उद्देश्य से 2006 में ही टी-20 क्रिकेट खेलना बंद कर दिया था लेकिन इस बीच उन्होंने आईपीएल के जरिए इस प्रारूप में अपनी क्षमता का जोरदार प्रदर्शन किया। उनकी बल्लेबाजी की सराहना करने वालों में महान ब्रैडमैन भी शामिल थे। ब्रैडमैन ने 1999 में कहा था कि तेंदुलकर की शैली उन्हें अपनी बल्लेबाजी शैली की याद दिलाती है। इस महान ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ने कहा था, जब मैं बल्लेबाजी करता था तो इसी तरह से महसूस करता था।
सचिन के रिकॉर्ड तक पहुंचना फिलहाल किसी के लिए मुमकिन नहीं दिख रहा है। उनके बाद वनडे में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों में ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग शामिल हैं जिन्होंने 13704 रन बनाए हैं। श्रीलंका के सनथ जयसूर्या 13430 रन बनाकर तीसरे स्थान पर हैं। पोंटिंग और जयसूर्या दोनों इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। बल्लेबाजी के अलावा सचिन ने गेंदबाजी में भी कमाल दिखाया। उन्होंने अपने वनडे करियर में 154 विकेट लिए हैं। वह जयसूर्या और जैक कैलिस के साथ दुनिया के उन तीन क्रिकेटरों में शामिल हैं जिन्होंने वनडे में दस हजार रन, 150 से अधिक विकेट और 100 से अधिक कैच लिए हैं। सचिन के नाम पर वनडे में 140 कैच दर्ज हैं।
सचिन क्रिकेट के अलावा विज्ञापन के भी बादशाह रहे। कई बड़ी-बड़ी नामी कंपनियों ने उन्हें अनुबंध कराया। सचिन को कई पुरस्कारों और सम्मानों से भी नावाजा जा चुका है। पद्म पुरस्कार से राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। इसके अलावा उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग अक्सर उठती रहती है। हालांकि देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा का सदस्य मनोनीत कर सचिन को भारत सरकार ने विशेष सम्मान दिया है।

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