इजरायल ने पाक को दिए सैन्य उपकरण

इजरायल ने पिछले पांच सालों में पाकिस्तान तथा अरब देशों को लड़ाकू विमानों में इस्तेमाल किए जाने वाले आधुनिक गियरों समेत सैन्य उपकरणों का निर्यात किया है। हालांकि इन देशों के साथ उसके राजनयिक संबंध नहीं हैं।

इस्लामाबाद : इजरायल ने पिछले पांच सालों में पाकिस्तान तथा अरब देशों को लड़ाकू विमानों में इस्तेमाल किए जाने वाले आधुनिक गियरों समेत सैन्य उपकरणों का निर्यात किया है। हालांकि इन देशों के साथ उसके राजनयिक संबंध नहीं हैं।
हथियारों तथा सुरक्षा उपकरणों के निर्यात के लिए ब्रिटिश सरकार के परमिट संबंधी कामकाज को देखने वाले ब्रिटेन के व्यापारिक, नवोन्मेषी तथा कौशल विभाग की ओर से आज जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान के अलावा इजरायल ने मिस्र, अल्जीरिया, संयुक्त अरब अमीरात तथा मोरेक्को को सैन्य उपकरणों का निर्यात किया है।
गौरतलब है कि वर्ष 2011 में इजरायल ने पाकिस्तान को निर्यात के लिए ब्रिटिश उपकरण खरीदे थे, जिसमें राडार प्रणाली, इलेक्ट्रोनिक युद्ध प्रणाली, हेड अप काकपिट डिस्प्ले (एचयूडी), लड़ाकू विमानों के पुर्जे तथा विमान के इंजन, आप्टिक टारगेट इक्विजीशन सिस्टम, प्रशिक्षु विमानों के पुर्जे तथा सैन्य इलैक्ट्रोनिक सिस्टम आदि शामिल थे।
वर्ष 2010 में इजरायल ने ब्रिटिश पुर्जे वाली इलेक्ट्रोनिक युद्धक प्रणाली और एचयूडी का पाकिस्तान को निर्यात करने के लिए परमिट हासिल करने की खातिर आवेदन किया था। हेरात्ज समाचारपत्र ने ब्रिटिश सरकार की रिपोर्ट के हवाले से यह रिपोर्ट प्रकाशित की है।
हालांकि रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख नहीं किया गया है कि इन पुर्जे का इस्तेमाल किस लिए किया जाएगा, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि उनमें से अधिकांश जेएफ 17 थंडर जेट में इस्तेमाल करने के लिए हैं जिसका विकास पाकिस्तान और चीन ने संयुक्त रूप से किया है। ब्रिटेन का व्यापार, नवोन्मेषी तथा कौशल विभाग सुरक्षा निर्यात पर निगरानी रखता है और ऐसे हथियारों, सैन्य उपकरणों या असैन्य सामग्री की खरीद से इनकार किए जाने या परमिट प्रदान किए जाने के संबंध में नियमित रूप से रिपोर्ट प्रकाशित करता है जिनकी केवल इसलिए निगरानी की जा रही हो कि उनका इस्तेमाल सुरक्षा के संबंध में किया जा सकता है।
जनवरी, 2008 से लेकर दिसंबर, 2012 के बीच ब्रिटिश प्रशासन ने ब्रिटिश उपकरणों वाली सैन्य सामग्री की खरीद संबंधी इस्राइल के सैंकड़ों आवेदनों की पड़ताल की है, जिनका इजरायली रक्षा बलों की ओर से इस्तेमाल किया जाना था या जिन्हें तीसरे देशों को निर्यात किए जाने वाली प्रणालियों में लगाया जाना था।
ब्रिटिश रिपोर्टों में उन देशों के नामों की सूची है, जिन्हें इजरायल ने सामग्री के निर्यात के लिए आवेदन दिया था। इजरायल के ग्राहक देशों में यूएई, मोरक्को और अल्जीरिया जैसे देश भी शामिल हैं जिनके साथ उसके राजनयिक संबंध भी नहीं हैं। वर्ष 2010 में इजरायल ने मिस्र और मोरक्को को इजरायली इलेक्ट्रोनिक युद्ध प्रणालियों तथा एचयूडी की आपूर्ति के लिए परमिट की मांग की थी क्योंकि इनमें ब्रिटिश पुर्जे लगे हुए थे।
ब्रिटिश रिपोर्ट के अनुसार पिछले पांच सालों में इजरायल ने जिन देशों को सैन्य सामग्री का निर्यात किया उनमें भारत, सिंगापुर, तुर्की, वियतनाम, दक्षिण कोरिया और जापान भी शामिल रहे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्रिटेन ने इजरायल की उन सैन्य प्रणालियों को हासिल करने की अपील को नामंजूर कर दिया था जिन्हें भारत और रूस को निर्यात किया जाना था। इनमें भारत को निर्यात की जाने वाली (एयरक्राफ्ट इंजन और सेटेलाइट राडार) तथा रूस को (आप्टिकल टार्गेट एक्विजीशन सिस्टम) दिया जाना शामिल था। (एजेंसी)

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