अन्ना की जनतंत्र रैली व्यवस्था परिवर्तन के लिए : वीके सिंह

पूर्व सेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने कहा कि पटना में 30 जनवरी को आयोजित होने वाली अन्ना हजारे की रैली जनतंत्र के पुनर्स्थापन और पुनरुद्धार के लिए है और इसका मकसद व्यवस्था परिवर्तन चाहने वाले लोगों को जोड़ना है।

पटना : पूर्व सेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने आज कहा कि पटना में आगामी 30 जनवरी को आयोजित होने वाली समाजसेवी अन्ना हजारे की रैली जनतंत्र के पुनर्स्थापन और पुनरुद्धार के लिए है और इसका मकसद वैसे लोगों को जोड़ना है जो देश में बदलाव और व्यवस्था परिवर्तन चाहते हैं।
आगामी 30 जनवरी को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित होने वाली अन्ना की रैली को लेकर आज यहां आयोजित एक बैठक को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि अन्ना की इस रैली का मकसद वैसे लोगों को जोड़ना है जो देश में बदलाव और व्यवस्था परिवर्तन चाहते हैं।
उन्होंने इस रैली को लेकर संपर्क करने की इच्छा रखने वालों के लिए मोबाईल फोन नंबर और ईमेल पता जारी करते हुए कहा कि रैली के लिए वे कोई नकद दान नहीं लेंगे, जो भी इसमें मदद करना चाहते हैं वह वस्तु में करें जिसका उनके द्वारा ब्यौरा रखा जाएगा। सिंह ने संसद में बैठे लोगों द्वारा संविधान का पालन नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जनता को वर्तमान संसद को भंग कर नई संसद और चरित्रवान उम्मीदवारों को चुनकर अपने लिए नए भविष्य का निर्माण करना होगा।
उन्होंने कहा कि गत वर्ष 29 अक्तूबर को मुंबई में उनके और अन्ना द्वारा जारी विज्ञप्ति में यह बताया गया है कि किस प्रकार आज के जनतंत्र में जनता की भागीदारी नहीं है, कुछ चीजें जिसका संविधान में प्रावधान है, पर उसे लागू नहीं किया जा रहा है, जिससे देश में असमानता पैदा हो गई है। लोगों का शोषण हो रहा है तथा गरीबी एवं अमीरी की दूरी बढ़ती जा रही है। सिंह ने कहा कि देश में ऐसी काफी चीजें हो गयी हैं, जिससे लगता नहीं है पूरी तरह से संवैधानिक तरीके से काम किया जा रहा है।
पूर्व सेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने कहा कि देश का संविधान ‘वी द पीपुल’ का है और इसमें हम लोग नहीं होंगे तो कैसे आगे चलेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या वे इसके लिए केंद्र में वर्तमान में सत्तासीन राजनीतिक दलों को जिम्मेवार मानते हैं या फिर सभी राजनीतिक दलों को सिंह ने कहा कि किसी एक राजनीतिक दल को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। आजादी के बाद देश में 65 सालों के भीतर बहुत कुछ हुआ है। व्यवस्था तंत्र में रोग लग गया है, जिसमें बदलाव लाए बिना चीजों को ठीक नहीं किया जा सकता।
यह पूछे जाने पर कि क्या इस रैली में बिहार में व्याप्त भ्रष्टाचार पर चर्चा होगी सिंह ने कहा कि जिन मुद्दों को लेकर यह रैली आयोजित की जा रही है उसमें भ्रष्टाचार सहित कई अन्य मुद्दे शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अभी भारत वर्ष की बात कर रहे हैं, जब केंद्र सुधरेगा सब चीजें सुधरेंगी। अगर धूरी ही खराब है तो बाकी चीजें कैसे चलेंगी। एक तरफ से जब हम शुरू करेंगे तो उसे बाकी अन्य जगहों पर भी फैलाएंगे।
टीम अन्ना में राजनीतिक दल बनाने को लेकर मतभेद होने के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि जो लोग मतभेद कर रहे हैं, उनसे पूछिए। उनके लिए सब बराबर हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या अन्ना की इस रैली में राजनीतिक दलों से जुडे लोग भाग ले सकते हैं सिंह ने कहा ‘फिलहाल इसके अंदर राजनीति नहीं है, अभी यह एक सामाजिक आंदोलन है, इसे चलने दीजिये, आगे क्या रूप लेगी पता नहीं।’
दिल्ली में एक युवती के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद पीड़िता के नाम से कानून बनाए जाने के बारे पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि इस बारे में उनके द्वारा टिप्पणी किया जाना उचित नहीं होगा, पर इसके खिलाफ जो लोगों का रोष है, वह उचित है। उन्होंने कहा कि बलात्कार को लेकर कानून ऐसा बनना चाहिए कि जिससे लोगों में ऐसा जघन्य कृत करते डर लगे और इन चीजों को पूरे देश के भीतर रोक सके। (एजेंसी)

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