कसाब की चाची को भतीजे के आतंकी कारनामों पर गर्व, मांगा शव

देश की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई पर साल 2008 में हुए आतंकी हमले के करीब चार साल बाद बुधवार सुबह पाकिस्‍तानी आतंकी आमिर अजमल कसाब को पूणे के यरवदा केंद्रीय कारागार में फांसी पर लटका दिया गया। फांसी पर लटकाए जाने से पहले कसाब को काफी पछतावा था, जोकि उसके अंतिम बोल में दिखे। लेकिन इसके उलट कसाब की चाची को अपने भतीजे कसाब के कारनामे पर गर्व है।

ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो
फरीदकोट (पाक) : देश की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई पर साल 2008 में हुए आतंकी हमले के करीब चार साल बाद बुधवार सुबह पाकिस्‍तानी आतंकी आमिर अजमल कसाब को पूणे के यरवदा केंद्रीय कारागार में फांसी पर लटका दिया गया। फांसी पर लटकाए जाने से पहले कसाब को काफी पछतावा था, जोकि उसके अंतिम बोल में दिखे। लेकिन इसके उलट कसाब की चाची को अपने भतीजे कसाब के कारनामे पर गर्व है। यहीं नहीं, उसने कसाब के शव को वापस लौटाने की मांग तक कर डाली।
मुंबई हमले का आरोपी अजमल कसाब पाकिस्तान के गांव फरीदकोट का रहने वाला था। उसके दोस्‍तों को यकीन ही नहीं है कि कसाब बंदूक भी उठा सकता है। वहीं, उसकी चाची शाहनाज सुघरा का कहना है कि मुझे गर्व है कि कसाब ने दुश्मन के घर में घुसकर उसे सबक सिखाया। चाची का कहना है कि कसाब को फांसी दिए जाने की खबर हमारे लिए बहुत बुरी है। यदि उसने (कसाब) कुछ गलत किया भी है तो भी हमें उसके कारनामों पर गर्व है।
वहीं, कसाब के पड़ोसी हाजी मोहम्मद सलीम ने कहा कि वह बेहद विनम्र परिवार से था। उसके पिता बाजारों में दही-बड़े बेचते थे। कसाब ने कभी अपने घर पर पैसा नहीं भिजवाया। उसका परिवार आज भी बेहद गरीबी के हालत में है। उसे किसी धार्मिक समूह ने अपने तरीके से इस्तेमाल किया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों ने बुधवार को पत्रकारों और टीवी कैमरामैन को कसाब के इलाके में जाने से रोक दिया। यह सुरक्षाकर्मी सादे कपड़ों में थे और अपने आपको गांव वाला ही बता रहे थे। लाहौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष और लाहौर के वरिष्ठ संवाददाता अरशद अंसारी ने कहा कि पाक मीडिया के लिए कसाब की फांसी कोई बड़ी खबर नहीं है। लेकिन वहां स्थानीय मीडिया के लिए अब सरबजीत सबसे बड़ा मसला बनता दिख रहा है।
अंसारी ने कहा कि पाकिस्‍तान ने यह साफ कर दिया है कि किसी आतंकवादी से उसका कोई वास्ता नहीं है। `फिलहाल पाक मीडिया कसाब की शव को लेकर सवाल कर रहा है। इस पर हमारे आंतरिक मंत्री रहमान मलिक ने कहा है कि अगर कसाब का परिवार चाहेगा तो पाक सरकार की ओर से भारत सरकार से इस मसले पर चर्चा की जाएगी।`
आतंकी अजमल कसाब को जब 21 नवंबर को फांसी दिए जाने के बारे में बताया गया तो उसने कहा कि मेरी अम्मी को बता दें। लगता है कि कसाब की मां नूरी लाइ उसके सबसे करीब थीं। फांसी पर लटकाने से पहले जब उससे उसकी आखरी इच्छा के बारे में पूछा गया तो उसने उन्हीं का नाम लिया।

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