[caption id="attachment_2668" align="alignnone" width="300" caption="शहरी इलाकों में जलजमाव"][/caption]
देश के उत्तर और पूर्वी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से जन- जीवन प्रभावित हुआ है. झारखंड में पिछले 48 घंटे से लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य में तबाही का आलम है. सूबे के लगभग सभी जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. सैकड़ों घर गिर गए हैं. खेती को व्यापक नुकसान पहुंचा है. वहीं मौसम वैज्ञानिकों ने अगले 48 घंटे तक बारिश होने की भविष्यवाणी की है.
झारखंड , उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में 6 अगस्त से ही हवा का निम्न दबाव बना हुआ है. इससे डिप्रेशन की स्थिति बनी हुई है. इसी वजह से आसमान में मात्र 4.5 किमी. की ऊंचाई पर घने बादल फंसे हुए है. भारी वर्षा के कारण परिवहन सेवा भी प्रभावित हुई है. बादल के काफी नीचे जमे रहने के कारण विजीबिलीटी काफी कम हो गई है. इससे ट्रेनों और बसों के परिचालन पर असर पड़ा है.
वैज्ञानिकों के अनुसार उत्तर एवं पश्चिम क्षेत्र में पड़ने वाले संथाल परगना और दक्षिण छोटानागपुर प्रमंडल में अगले दो दिनों तक भारी वर्षा हो सकती है.
उत्तर प्रदेश में भी भारी वर्षा हुई. नदियों के जलस्तर में वृद्धी के साथ शहरों में जल जमाव की स्थिति बनी हुई है. वाराणसी में कोई ऐसा मुहल्ला, बस्ती या कालोनी नहीं बचा जहां रास्ते में पानी नहीं लगा हो. कहीं तीन इंच तो कहीं चार-पांच फुट पानी जमा रहा. इस वर्षा में हुए जलजमाव ने मेनहोल, सीवर तथा नालों की सफाई को आइना दिखा दिया. वह भी उस समय जब मुख्यमंत्री के दूत के रूप में उनके प्रमुख सचिव दुर्गा शंकर मिश्र शहर में मौजूद थे.
इस अवधि में समान्य रूप से सिर्फ 83.6 मिलीमीटर वर्षा होनी चाहिए थी. मगर इस दौरान 64 मिलीमीटर अधिक वर्षा हुई है. वायुमंडल में हवा का सरकुलेशन बना रहने से मानसून पर अच्छा प्रभाव पड़ा है. अगले 48 घंटे में राज्य में जमकर बारिश होगी.
वहीं राजधानी दिल्ली में भी बारिश से सड़क सिकुड़ गई. दो दिन के अंतराल पर बारिश से लोगों को जहां गर्मी से राहत मिली, वहीं जगह- जगह जल जमाव से जाम की स्थिति बनी रही. सुबह से ही लोगों को दफ्तर और काम पर जाने में काफी कठनाई का सामना करना पड़ा. मुख्य सड़कों पर वाहनों की लंबी कतार से ट्रैफिक बढ़ गया.
वहीं उत्तराखंड के टिहरी क्षेत्र में बादल फटने से छह लोगों की मौत हो गयी. इससे पहले चार धाम यात्रा और बद्रीनाथ मार्ग भी कई बार बाधित हो चुका है.
हलांकि इस बारिश से किसानें को धान की बुआई में काफी फायदा होगा