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ज़ी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की संसदीय दल की बैठक मंगलवार को दिल्ली स्थित पार्टी कार्यालय में होगी। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार संसदीय बोर्ड की बैठक में शामिल हो रहे हैं। यानी इस बैठक में मोदी मुख्य केंद्र में होंगे। बताया जा रहा है कि पार्टी की आगामी रणनीति को इस बैठक में अमलीजामा पहनाया जाएगा। साथ ही, यह उम्मीद की जा रही है कि बैठक में गोवा में अगले महीने होने वाली पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से संबंधित प्रस्तावों पर चर्चा होगी।
सूत्रों के अनुसार, बैठक के दौरान पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के भविष्य को लेकर भी फैसला किया जा सकता है। दरअसल राम जेठमलानी समेत पार्टी के तीन ऐसे नेता हैं, जिनको लेकर पार्टी के अंदर कई तरह के आरोप और प्रत्यारोप चल रहे हैं। ऐसे नेताओं को लेकर संसदीय बोर्ड का रुख क्या होगा इस पर एक राय बनाने की कोशिश हो सकती है।
गौर हो कि अपने दाहिने हाथ अमित शाह को उत्तर प्रदेश का प्रभार दिलाकर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिशन उत्तर प्रदेश की औपचारिक शुरुआत कर दी है। मोदी की योजना राजनीतिक दृष्टि से सबसे अहम इस सूबे में हिंदुत्व के मुद्दे पर वोटों का ध्रुवीकरण कर पार्टी की खस्ता हालत सुधारने की है। उनकी योजना में हिंदुत्व के फायर ब्रांड नेताओं की तिकड़ी उमा भारती, अमित शाह और वरुण गांधी अहम भूमिका निभाएंगे। यही वजह है कि उमा को जहां किसी राज्य की जिम्मेदारी देने से परहेज बरता गया है, वहीं वरुण को पश्चिम बंगाल जैसे भाजपा के जनाधारहीन राज्य का प्रभार दिया गया है। दरअसल भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार माने जा रहे मोदी ने स्वयं उत्तर प्रदेश में पार्टी की खस्ताहाल हालत को सुधारने का जिम्मा लिया है। हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण के लिए मोदी चुनाव से पहले इस यूपी की ताबड़तोड़ यात्रा कर सकते हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में पार्टी विशुद्ध रूप से हिंदुत्व के मोर्चे पर ही चुनाव मैदान में उतरेगी। यह फैसला कुछ माह पहले ही हो गया था।