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ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी
लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा के एक दिन बाद ही रविवार को मुख्यमंत्री मायावती ने अपने मंत्रिपरिषद के चार मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बर्खास्त किए गए मंत्रियों में उच्च शिक्षा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी, कृषि शिक्षा मंत्री राजपाल त्यागी, पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अवधेश वर्मा और होमगार्डस राज्यमंत्री हरिओम शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक, चारों मंत्रियों को उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोप में हटाया गया है और इनमें से राकेश धर त्रिपाठी के खिलाफ लोकायुक्त संगठन में भी एक जांच चल रही है। राज्यपाल के प्रमुख सचिव जी. बी. पटनायक ने चारों मंत्रियों की बर्खास्तगी की सिफारिश किए जाने की पुष्टि की है।
सूत्रों के मुताबिक, इन मंत्रियों की बर्खास्तगी के बाद उच्च शिक्षा विभाग कैबिनेट मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी के सुपुर्द किया गया है। इसके अलावा एक अन्य मंत्री इंद्रजीत सरोज को पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग जबकि कृषि मंत्री लक्ष्मी नारायण को कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले मायावती सरकार के कुल सात मंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में अपना पद गंवा चुके हैं। ज्ञातव्य है कि दो मंत्रियों तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अनंत कुमार मिश्र और परिवार कल्याण मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा अप्रैल माह में हुई मुख्य चिकित्साधिकारी डाक्टर बी. पी. सिंह की हत्या की जांच के दौरान परिवार कल्याण विभाग में भ्रष्टाचार के खुलासे के बाद इस्तीफा दे दिया था, जबकि पांच मंत्री लोकायुक्त की जांच में दोषी पाए जाने के बाद पद से हटा दिए गए थे।
लोकायुक्त की सिफारिश पर हटाए जाने वाले मंत्रियों में राजेश त्रिपाठी, रंगनाथ मिश्र, बादशाह सिंह, रतनलाल अहिरवार और अवधपाल सिंह यादव शामिल हैं। (एजेंसी)