मीडिया पर रोक के आदेश को चुनौती, पुलिस को नोटिस

दिल्ली की एक अदालत ने 16 दिसंबर को 23 वर्षीय छात्रा से सामूहिक बलात्कार के मामले में सुनवाई की रिपोर्टिंग करने से मीडिया पर पाबंदी के एक मजिस्ट्रेट की अदालत के आदेश के खिलाफ याचिका पर दिल्ली पुलिस से आज जवाब मांगा।

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने 16 दिसंबर को 23 वर्षीय छात्रा से सामूहिक बलात्कार के मामले में सुनवाई की रिपोर्टिंग करने से मीडिया पर पाबंदी के एक मजिस्ट्रेट की अदालत के आदेश के खिलाफ याचिका पर दिल्ली पुलिस से आज जवाब मांगा।
जिला न्यायाधीश आर के गाबा ने सोमवार को पुलिस को नोटिस जारी किया और नौ जनवरी को सुनवाई की तारीख तय की।
जिला न्यायाधीश ने कहा,‘इस स्तर पर दिल्ली सरकार के लिए अतिरिक्त सरकारी अभियोजक (एपीपी) संज्ञान लेंगे। एपीपी की दलील है कि उन्हें संबंधित अभियोजक से तथ्यों और सूचना एकत्रित करने की जरूरत है।’
वकील डीके मिश्रा और वकील पूनम कौशिक के आवेदन में कार्यवाही बंद कमरे में करने के मजिस्ट्रेटी अदालत के आदेश को रद्द करने की मांग की गई है और आरोप लगाया गया है कि अदालत कक्ष में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद रहे।
‘देश के नागरिकों’ की ओर से अपने आवेदन में वकीलों ने कहा, ‘आदेश जारी करते हुए मेट्रेापोलिटन मजिस्ट्रेट ने अनेक आशंकाएं जताई हैं और राष्ट्र के प्रतिनिधियों के तौर पर वहां एकत्रित वकीलों तथा मीडियाकर्मियों पर आरोप लगाए हैं जो आहत हुए हैं।’
मजिस्ट्रेट की अदालत ने आज मीडिया को अदालत में मामले की कार्यवाही की रिपेार्टिंग करने और इसका प्रकाशन करने से रोका था। दिल्ली पुलिस ने मामले में बंद कमरे में सुनवाई के लिए आवेदन किया था।
अदालत ने इस बात को ध्यान में रखते हुए बंद कमरे में कार्यवाही का आदेश दिया था कि अदालत कक्ष बार सदस्यों और आम जनता से भरा पड़ा था जिनका मामले से कोई लेना देना नहीं था। वे लोग वहां से जाने को तैयार नहीं हुए जिसके चलते आरोपियों को अदालत में पेश नहीं किया जा सका। (एजेंसी)

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