श्रीनगर: नेशनल कांफ्रेंस कार्यकर्ता हाजी सईद यूसुफ की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में मजिस्ट्रेट जांच शुरू हो गई है और इसके जल्द पूरा होने की संभावना है. यूसुफ की हिरासत में मौत के बाद से एक विवाद पैदा हो गया है, जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का नाम भी आ रहा है.
अतिरिक्त जिला न्यायाधीश मोहम्मद अकबर ने यूसुफ की मौत के मामले में 30 सितंबर को ही जांच शुरू कर दी थी क्योंकि पुलिस हिरासत में किसी की भी मौत होने पर आपराधिक दंड संहिता की धारा 176 के तहत यह जांच अनिवार्य है.
शुरूआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया था कि यूसुफ को दिल का दौरा पड़ा और उसे कोई बाहरी चोट नहीं लगी थी, जिससे यह कहा जा सके कि उस पर अत्याचार किया गया, जैसा उसके परिवार ने दावा किया था.
सूत्रों के मुताबिक, मजिस्ट्रेट जांच इस मामले में आगे की दिशा निर्धारित करेगी कि क्या यूसुफ की मौत प्राकृतिक मौत थी या मामले में आगे भी जांच की जरूरत है. पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी समेत सभी संबंधित दस्तावेज मजिस्ट्रेट को जमा कर दिए गए हैं. इनमें 29 सितंबर की रात आठ बज कर 23 मिनट पर यूसुफ का ईसीजी किए जाने के बाद आई रिपोर्ट भी शामिल है. उमर अब्दुल्ला ने इस मामले में एक न्यायिक जांच का भी आदेश दे दिया है ।