नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) को उन आरोपों की पड़ताल करने को कहा जिसमें कहा गया है कि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येद्युरप्पा और कुछ नौकरशाहों को बेल्लारी और इससे सटे अनंतपुर जिले (आंध्र प्रदेश) में अवैध खनन के लिए रिश्वत दी गई।
मुख्य न्यायाधीश एस.एच. कपाड़िया की अध्यक्षता वाली एक विशेष वन पीठ ने एक एनजीओ द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया। एनजीओ ने लौह अयस्क के कथित अवैध खनन एवं परिवहन के लिए जेएसडब्ल्यू स्टील और अदाणी एंटरप्राइजेज के खिलाफ सीबीआई जांच का दायरा बढ़ाने की मांग की है।
पीठ ने कहा, ‘हम सीईसी को उचित सिफारिश के लिए अंतरिम आवेदन पर विचार करने को कहते हैं।’ पीठ में न्यायमूर्ति आफताब आलम और न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार भी शामिल थे।
समाज परिवर्तन समुदाय नाम के एनजीओ ने लोकायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर इन कंपनियों के खिलाफ जांच की मांग की। एनजीओ ने अपनी याचिका में आरोप लगाया, ‘जेएसडब्ल्यू ने अपनी अनुषंगी साउथ वेस्ट माइनिंग कंपनी के जरिए कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री के करीबी रिश्तेदारों को रिश्वत दी।’ एनजीओ ने आरोप लगाया कि अदाणी एंटरप्राइजेज जैसे अन्य उद्योग घराने 5.5 लाख टन लौह अयस्क की चोरी से जुड़े घोटाले में शामिल हैं।
याचिका में कर्नाटक के पूर्व मंत्री जी. जनार्दन रेड्डी की एसोसिएटेड माइनिंग कंपनी का अदाणी एंटरप्राइजेज के साथ संबंध होने का भी आरोप लगाया गया है। पीठ ने कहा, ‘फिलहाल, हम व्यापक परिदृश्य पर गौर कर रहे हैं।’’ पीठ ने स्पष्ट किया कि वह अलग अलग खनन कंपनियों के वर्गवार मामलों को देखेगी। पीठ ने कंपनियों को निर्देश दिया कि वे दो सप्ताह के भीतर इस मुद्दे पर सीईसी के साथ किसी भी तरह के मतभेदों को दूर करें। (एजेंसी)