लालू, यूपीए को कलाम से मांफी मांगनी चाहिए: जदयू
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लालू, यूपीए को कलाम से मांफी मांगनी चाहिए: जदयू

बिहार में सत्ताधारी जदयू ने वर्ष 2005 के विधान सभा चुनाव के उपरांत सभा को भंग करने के लिए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद द्वारा केंद्र पर दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि लालू एवं केंद्र की संप्रग सरकार को पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से माफी मांगनी चाहिए।

पटना : बिहार में सत्ताधारी जदयू ने वर्ष 2005 के विधान सभा चुनाव के उपरांत सभा को भंग करने के लिए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद द्वारा केंद्र पर दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि लालू एवं केंद्र की संप्रग सरकार को पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से माफी मांगनी चाहिए।
जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने आज यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए वर्ष 2005 के विधान सभा चुनाव के उपरांत सदन को भंग करने के लिए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद द्वारा केंद्र पर दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि लालू एवं केंद्र की संप्रग सरकार को पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से मांफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि कलाम ने अपनी पुस्तक ‘टर्निग प्वाईंट एंड जर्नी थ्रू चैलेंजेज’ में फरवरी 2005 के बिहार विधानसभा को भंग किए जाने एवं राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के फैसले ने नये तथ्यों का रहोस्योद्घाटन किया है। नीरज ने दावा कि फरवरी 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद विधान सभा को राजद सुप्रीमो के दबाव में भंग कर दिया गया, जिस पर केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले एवं राष्ट्रपति की स्वीकृति मिल गयी थी। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के फैसले पर उच्चतम न्यायालय ने असहमति व्यक्त की थी और इसे अलोकतांत्रिक करार दिया था।
नीरज कुमार ने कहा कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति का यह कथन कि उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी के बाद उन्होंने इस्तीफा देने का पत्र लिखा और उपराष्ट्रपति के देश के बाहर होने के कारण उसे अपने पास रखा। उन्होंने कहा कि इसी बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अन्य मामलों में कलाम से मिलने पर उन्होंने उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी के आलोक में अपने इस्तीफे की उन्हें जानकारी दी और इस्तीफा पत्र भी दिखाया।
नीरज ने कहा कि प्रधानमंत्री के उस कथन कि कृपया ऐसा नहीं करें तथा इसके कारण अराजकता फैलने और सरकार के गिर सकती है और कलाम ने इस्तीफा न देने का मन बनाया। उन्होंने कहा कि पुस्तक में वर्णित बातों से स्पष्ट होता है कि कलाम जैसे नैतिकवान, मूल्यों के आधार पर जीवन व्यतीत करने वाले व्यक्ति के साथ भी संप्रग एवं लालू प्रसाद ने नाइंसाफी की।
नीरज ने कहा कि कलाम की पुस्तक में लिखी बातों से स्पष्ट होता है कि फरवरी 2005 के बाद बिहार विधानसभा भंग किया जाना, मंत्रिमंडल एवं राष्ट्रपति का मुहर लगना न्यायोचित नहीं था। इसके लिए संप्रग एवं इसमें शामिल राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को बिहार की जनता से माफी मांगे, क्योंकि उन्होंने देश के पूर्व राष्ट्रपति कलाम के साथ नाइंसाफी की है।
आगामी 19 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति पद चुनाव के लिए कलाम की जगह सप्रंग के उम्मीदवार प्रणव मुखर्जी का समर्थन किए जाने को लेकर पूछे गए एक प्रश्न पर नीरज ने कहा कि इस बारे में राजग में सर्वानुमति नहीं बन पाने के कारण उनकी पार्टी ने मुखर्जी को समर्थन दिए जाने का मन बनाया। (एजेंसी)

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