लोकपाल बिल में संशोधनों को मंजूरी

पिछले साल दिसंबर में लोकसभा में पारित लोकपाल विधेयक पर संशोधनों को गुरुवार को सरकार की ओर से मंजूरी मिल गई। मंत्रियों ने आज राज्यसभा में विधेयक के पारित होने को लेकर भी चर्चा की जो संभवत: इस महीने के आखिर में उच्च सदन में आ सकता है।


नई दिल्ली : पिछले साल दिसंबर में लोकसभा में पारित लोकपाल विधेयक पर संशोधनों को गुरुवार को सरकार की ओर से मंजूरी मिल गई। मंत्रियों ने आज राज्यसभा में विधेयक के पारित होने को लेकर भी चर्चा की जो संभवत: इस महीने के आखिर में उच्च सदन में आ सकता है। लोकसभा में लोकपाल विधेयक पारित होते समय सरकार ने कई संशोधनों पर सहमति जताई थी, जिनमें प्रधानमंत्री के खिलाफ जांच को लोकपाल की पूर्ण पीठ की ओर से दो.तिहाई बहुमत से मंजूरी मिलने का प्रावधान है।

 

जब विधेयक के मसौदे को लोकसभा में पेश किया गया था तो इसमें प्रावधान था कि प्रधानमंत्री के खिलाफ किसी तरह की जांच को लोकपाल की पूर्ण पीठ की ओर से तीन-चौथाई बहुमत से मंजूरी जरूरी है। संशोधनों में सशस्त्र बलों के जवानों को लोकपाल के दायरे से बाहर रखना और पूर्व सांसदों को छूट की अवधि पांच साल से बढ़ाकर सात साल किया जाना शामिल है।

 

सूत्रों ने कहा कि लोकसभा में जिन संशोधनों पर सहमति हुई थी उन्हें मंजूरी मिलने के बाद मंत्रियों ने अनौपचारिक रूप से राज्यसभा में विधेयक को पारित कराने के मुद्दे पर बातचीत की जहां यह अभी अटका हुआ है। संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण 24 अप्रैल से शुरू होगा और इस दौरान राज्यसभा में विधेयक को संशोधित स्वरूप में लिया जा सकता है।

(एजेंसी)

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