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नई दिल्ली : पूर्व दूरसंचार मंत्री और द्रमुक सांसद ए.राजा ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले की सुनवाई कर रही अदालत से आज कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता संसद में शिरकत करने की बजाय न्यायिक मंच पर अपने मामले की पैरवी करना है। राजा ने अदालत से कहा कि वह अपने मामले की वकालत इस तरह सिर्फ अदालत में कर सकते हैं न कि लोकसभा अध्यक्ष या प्रधानमंत्री के पास क्योंकि मामला तो न्यायाधीशों के हाथों में है। 2जी स्पेक्ट्रम मामले में मुख्य आरोपी राजा ने विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओपी सैनी से कहा कि मैं अपना केस न्यायाधीशों के सामने ही पेश कर सकता हूं लेकिन लोकसभा अध्यक्ष या प्रधानमंत्री के सामने मैं क्या कर सकता हूं।
राजा ने यह उस वक्त कहा जब उनके वकील सुशील कुमार ने दोपहर के भोजन के सत्र के बाद मामले की सुनवाई स्थगित करने की मांग की क्योंकि उन्हें 2जी मामले की सुनवाई के सिलसिले में उच्चतम न्यायालय जाना था। वकील की मांग पर अदालत ने कहा कि वह तो राजा को संसद भेज सकती थी लेकिन वह वहां जाना ही नहीं चाहते। कुमार ने अदालत से कहा कि कृपया दो बजे के बाद मामले की सुनवाई स्थगित कर दें क्योंकि इसी मामले की सुनवाई के सिलसिले में मुझे उच्चतम न्यायालय जाना है। मैंने पहले भी आपसे गुजारिश की है कि राजा को उच्चतम न्यायालय जाने की इजाजत दी जाए लेकिन आपने इनकार कर दिया। बहरहाल, न्यायाधीश ने कुमार की मांग मान ली और दोपहर के भोजन के लिए होने वाले अवकाश तक पूर्व दूरसंचार सचिव डीएस माथुर का बयान दर्ज करने के बाद मामले की सुनवाई दिन भर के लिए स्थगित कर दी। हालांकि, अदालत ने वकील को आगाह कर दिया कि वह भविष्य में इसकी इजाजत नहीं देंगे।
न्यायाधीश ने कहा कि यह नियम नहीं बनना चाहिए क्योंकि ऐसा होने से लोग इस आधार पर मामले को स्थगित करने की मांग करने लगेंगे कि उन्हें यहां जाना है या वहां जाना है।
(एजेंसी)