विवेकानंद का 150वां जयंती समारोह अमेरिका में शुरू

स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती मनाने के लिए शहर में समारोह शुरू हो गए हैं, जहां इस संत ने 120 साल पहले हिन्दू धर्म के बारे में करिश्माई संबोधन कर पश्चिमी जगत को चकित कर दिया था।

शिकागो : स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती मनाने के लिए शहर में समारोह शुरू हो गए हैं, जहां इस संत ने 120 साल पहले हिन्दू धर्म के बारे में करिश्माई संबोधन कर पश्चिमी जगत को चकित कर दिया था।
शिकागो के रोलिंग मिडोज में आयोजित एक कार्यक्रम में कल स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि दी गई, जिसमें भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी, पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती और वैदिक अमेरिकी विद्वान स्टीफन क्नैप शामिल हुए।
विश्व हिन्दू परिषद की अमेरिकी इकाई द्वारा आयोजित कार्यक्रम में स्वामी ने विवेकानंद के आदर्शों और ‘विराट हिन्दू’ के विचार :एक अवधारणा कि समूचा विश्व एक परिवार है: का उल्लेख किया।
स्वामी ने कहा, ‘विराट हिन्दू वह है जो यह मानता है कि उसके पूर्वज यहीं (भारत) के रहने वाले थे और जो भारत के सच्चे इतिहास को जानता है तथा वह जो हमला होने पर संघर्ष करेगा। यही कारण है कि भारत में आज भी 80 प्रतिशत हिन्दू हैं।’
रविवार को शिकागो में फुलरटन हॉल में आयोजित होने वाले समारोह में योग गुरु रामदेव मुख्य अतिथि होंगे जहां से विश्व में कार्यक्रम का सीधा प्रसारण होगा। यह वही मंच है जहां से 1893 में विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद ने अपना संबोधन दिया था।
हिन्दू धर्म स्वीकार कर चुके क्नैप ने कहा, ‘स्वामी विवेकानंद यहां धर्मांतरण के लिए नहीं आए थे, वह यहां अपने वैदिक और हिन्दू ज्ञान को साझा करने आए थे।’ क्नैप वैदिक दर्शन पर 25 किताबें लिख चुके हैं।
इस अवसर पर स्वामी सरस्वती ने कहा, ‘स्वामी विवेकानंद ने 120 साल पहले जो संदेश दिया था, उसकी उस समय से भी ज्यादा आज जरूरत है। उन्होंने जो संदेश दिया था, वह असल में ‘वसुधैव कुटुंबकम’ विश्व हमारा परिवार है..था। वह मंच पर गए और कहा, ‘अमेरिका के भाइयों और बहनों’, तथा इसने उन्हें दुनिया में प्रसिद्ध कर दिया।
इस बीच, कोलिशन अगेंस्ट जीनोसाइड (सीएजी) ने विश्व धर्म संसद परिषद (सीपीडब्ल्यूआर) द्वारा धर्मों के बीच सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए एक प्रस्ताव स्वीकार किए जाने का स्वागत किया। सीएजी अमेरिका और कनाडा के ऐसे लोगों तथा संगठनों का समूह है जो 2002 के गुजरात दंगों के लिए जवाबदेही तय करने और पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग कर रहा है।
सीपीडब्ल्यूआर ने यह कहकर खुद को आयोजन से अलग कर लिया है कि यह ‘विवादास्पद राजनीतिक स्थितियों को बढ़ावा दे रहे’ समूहों द्वारा प्रायोजित है।
सीएजी के प्रवक्ता डॉ. राजास्वामी ने सीपीडब्ल्यूआर के कार्यकारी निदेशक डॉ. मैरी नेल्सन को पत्र लिखकर सीपीडब्ल्यूआर को विभाजनात्मक विचारधाराओं से जुड़े तत्वों से अलग रहकर स्वामी विवेकानंद की जयंती पर खुद का कार्यक्रम आयोजित कर धर्मों के बीच सौहार्द प्रोत्साहन के लिए बधाई दी।
सीपीडब्ल्यूआर 1893 से ही विश्व धर्म संसद की मेजबान और आयोजक रही है। इसके मानद अंतरराष्ट्रीय सलाहकारों में माता अमृतानंदमयी देवी और दलाई लामा शामिल हैं। (एजेंसी)

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