नई दिल्ली : अपनी मारक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रयासरत भारत 150 किमी रेंज वाले पृथ्वी प्रक्षेपास्त्र की जगह हाल ही में विकसित प्रहार प्रक्षेपास्त्र को शामिल करने पर विचार कर रहा है।
डीआरडीओ प्रमुख अविनाश चंदर ने बताया कि हम 150 किमी मारक क्षमता वाले पृथ्वी प्रक्षेपास्त्र को हटा कर उसकी जगह प्रहार प्रक्षेपास्त्र शामिल करेंगे , जो अधिक सक्षम और सटीक है।’ उन्होंने बताया कि पृथ्वी प्रक्षेपास्त्र के सामरिक संस्करण को सेवा से हटा लिया जाएगा और लंबी दूरी के उपयोग के लिए उसका उन्नयन किया जाएगा।
डीआरडीओ प्रमुख ने कहा कि पृथ्वी प्रक्षेपास्त्र के सामरिक संस्करण को सेवा से हटाने के बाद 100 किमी से लेकर 150 किमी की मारक क्षमताओं में एक ‘अंतराल’ आ जाएगा जिसे भरने के लिए प्रहार प्रक्षेपास्त्र का उपयोग किया जाएगा।
150 किमी की मारक क्षमता वाला प्रहार एक सिंगल स्टेज मिसाइल है जिसमें ठोस प्रणोदक का उपयोग होता है। डीआरडीओ ने पहली बार इसका प्रायोगिक परीक्षण 2011 के मध्य में ओडिशा में अपनी रेंज से किया था। (एजेंसी)
Prithvi missile
‘पृथ्वी’ प्रक्षेपास्त्र की जगह लेगा ‘प्रहार’: डीआरडीओ
अपनी मारक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रयासरत भारत 150 किमी रेंज वाले पृथ्वी प्रक्षेपास्त्र की जगह हाल ही में विकसित प्रहार प्रक्षेपास्त्र को शामिल करने पर विचार कर रहा है।
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