‘NCTC से राज्यों के हकों का हनन नहीं’

एनसीटीसी के गठन को लेकर गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों ने विरोध किया है लेकिन केन्द्र सरकार ने यह कहते हुए उनकी आलोचनाओं को नकार दिया कि एनसीटीसी के गठन से राज्यों के अधिकारों का किसी तरह हनन होगा।

 

नई दिल्ली : राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केन्द्र, एनसीटीसी के गठन को लेकर गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों ने विरोध किया है लेकिन केन्द्र सरकार ने यह कहते हुए उनकी आलोचनाओं को नकार दिया कि एनसीटीसी के गठन से राज्यों के अधिकारों का किसी तरह हनन होगा।

 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उडीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की आलोचनाओं को लेकर केन्द्रीय गृह सचिव आर के सिंह ने कहा कि एससीटीसी देशहित में है और इसके बारे में अधिसूचना जारी करने से पहले राज्यों से सलाह मशविरा करने की कोई आवश्यकता नहीं थी क्योंकि इसका गठन मौजूदा कानूनों के तहत ही हो रहा है।

 

सिंह ने कहा कि एनसीटीसी का गठन मौजूदा गैर कानूनी गतिविधि कानून के तहत किया गया है जो कई साल से अस्तित्व में है और जिसके तहत सुरक्षा एजेंसियां काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘एनसीटीसी का गठन आतंकवाद के खिलाफ लडाई को मजबूत करने और एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय के इरादे से किया जा रहा है । हम कोई नया कानून नहीं बना रहे हैं । यह कानून का कोई नया प्रावधान नहीं है। किसी तरह का कोई विवाद नहीं होना चाहिए।’

 

इस बीच सरकारी सूत्रों ने बताया कि केन्द्रीय गृह सचिव ने कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव से बात कर स्पष्ट किया था कि एनसीटीसी के तहत केन्द्र सरकार के पुलिस को लेकर अधिकार केवल आतंकवाद से जुडे मामलों में ही होंगे जैसा गैर कानूनी गतिविधि , रोकथाम कानून के तहत है । इससे राज्यों के अधिकारों का कोई हनन नहीं होगा। ममता ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भेजे पत्र में कहा है कि एनसीटीसी को लेकर किया गया फैसला जांच और व्यवस्था बनाये रखने के मामलों में राज्य सरकारों के अधिकारों का हनन करता लग रहा है। (एजेंसी)

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