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ज़ी मीडिया ब्यूरो
इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आधुनिक तकनीक के जरिए की जा रही भ्रूण हत्या पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले एक दशक में भारत में एक करोड़ कन्या भ्रूण हत्या हो चुकी हैं। यह संख्या प्रथम और द्वितीय विश्व युद्धों में मारे गए लोगों से भी अधिक है।
हाईकोर्ट ने कहा कि अल्ट्रा साउण्ड मशीन के जरिए लिंग का पता लगाने के अपराध के जिम्मेदार भारतीय डॉक्टर हैं। अदालत ने कहा है कि केन्द्र सरकार के पीएनडीटी एक्ट 1997 के बावजूद भ्रूण हत्या को लेकर प्रदेश सरकार ने कोई ठोस पहल नहीं की है। इस एक्ट में क्लीनिक को सील कर डाक्टर के खिलाफ मुकदमा चलाने की व्यवस्था है।
न्यायालय ने कुशीनगर के जिलाधिकारी के उस आदेश को सही माना है जिसमें लिंग परीक्षण करने वाले डॉक्टर का क्लीनिक सील कर पंजीकरण निरस्तीकरण का आदेश दिया था। कोर्ट ने डाक्टर के खिलाफ मुकदमा कायम कर प्रकरण को मेडिकल कौंसिल ऑफ इण्डिया को भेजा है।