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मुंबई/पुणे : महाराष्ट्र में किसानों पर पुलिस फायरिंग में चार किसानों की मौत के मुद्दे पर सियासत गरमा गई है. गुरुवार को टीवी चैनलों पर फायरिंग के वीडियो फुटेज दिखाए जाने के बीच छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया. शुक्रवार को विपक्ष के नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात कर महाराष्ट्र सरकार को बर्खास्त करने की मांग उठाई. इसके बाद मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान राजभवन पहुंचे और पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी.
इस मुद्दे पर राज्य विधानसभा के दोनों सदनों में भी हंगामा चल रहा है. विपक्ष ने वीडियो फुटेज का जिक्र करते हुए किसानों पर हुई फायरिंग को ‘मर्डर’ करार दिया. शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने फायरिंग को किसानों का ‘एनकाउंटर’ बताया. उद्धव ने किसानों पर हुए इस अत्याचार पर राज्य के उप मुख्यमंत्री अजित पवार और गृह मंत्री आर.आर. पाटिल से इस्तीफे की मांग की.
चैनलों पर फुटेज में दिख रहा है कि निशाना साध कर की जा रही पुलिस की फायरिंग के बीच किसान दूर भाग रहे हैं। उधर, पुणे (ग्रामीण) पुलिस अधीक्षक संदीप कार्णिक ने कहा कि किसानों के उग्र रूप को देखते हुए फायरिंग करनी पड़ी. पुलिस ने यह फायरिंग भीड़ को भगाने के लिए की थी. राज्य के गृह मंत्री आर.आर.पाटिल ने कहा कि अगर कोई पुलिसकर्मी मामले में दोषी पाया जाता है तो उसे निलंबित ही नहीं, बल्कि नौकरी से हटा दिया जाएगा. साथ-साथ दोषियों पर 302 के तहत केस भी दर्ज किया जाएगा. महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी अपनी रिपोर्ट भेज दी है.
गौरतलब है कि बीते मंगलवार को पुणे जिले में किसानों पर हुई पुलिस फायरिंग में चार किसानों की मौत हो गई थी. ये किसान पावना बांध से बंद पाइप लाइन के जरिए पड़ोसी औद्योगिक कसबे पिंपरी चिंचवाड़ को पानी सप्लाई के प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे थे.