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बैतूल : मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में 14 वर्ष पूर्व हुए बहुचर्चित मुलताई गोलीकांड के मामले में न्यायालय ने मुख्य आरोपी पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम सहित तीन आरोपियों को दोषी करार देकर सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।
अपर सत्र न्यायधीश एस.सी. उपाध्याय द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम सहित तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। ज्ञात हो कि 1997 में अतिवृष्टि एवं गेरुआ रोग के कारण खराब फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों का नेतृत्व करते हुए डा़ सुनीलम ने किसान आंदोलन किया था।
12 जनवरी 1998 को तहसील घेराव किया था। इस दौरान जमकर उत्पात हुआ था, सरकारी सम्पत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचा था और पुलिस द्वारा किए गए गोली चालन में 24 किसान मारे गए थे। इस मामले में पुलिस ने कई प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में प्रस्तुत किए थे।
मुलताई न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश एस.सी. उपाध्याय ने सुनवाई बाद गुरुवार को फैसला सुनाया। फैसले के मुताबिक पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम, शेशू उर्फ शेषराव, प्रह्लाद स्वरूप अग्रवाल को दोषी ठहराते हुए सजा पर आदेश सुरक्षित रखा गया है। डॉ. सुनीलम ने सजा सुनाए जाने के बाद प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, `मैं मानसिक तौर पर पहले से ही फैसला सुनने के लिए तैयार था, इसलिए फैसला सुनकर मुझे कोई आश्चर्य नहीं हुआ।`
उन्होंने कहा, `दिग्विजय सिंह ने मेरी हत्या के इरादे से ही 12 जनवरी 1998 को गोली चलवाई थी और मेरे खिलाफ 66 मुकदमे दर्ज कराने का मकसद सालों साल अदालत के चक्कर कटवाना तथा सजा दिलवाना ही था। आज मैं कह सकता हूं कि वे तात्कालिक तौर पर ही सही अपना षड्यंत्र पूरा करने में सफल हुए हैं।`
डॉ़ सुनीलम कहा कि यह साफ हो गया कि सरकार बदलने से किसानों के प्रति सरकार का दृष्टिकोण नहीं बदलता। उन्होंने कहा, `मैं लगातार कहता था कि शिवराजसिंह चौहान व दिग्विजय सिंह मुझे सजा दिलाने के मिशन को पूरा करने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं। अंतत: मुख्यमंत्री सजा दिलाने में कामयाब हुए।` डॉ. सुनीलम ने कहा कि वह फैसले के विरुद्ध हाईकोर्ट मे अपील करेंगे। (एजेंसी)