रामनारायण गुप्ता फर्जी एनकाउंटर में प्रदीप शर्मा बरी

मुंबई की एक अदालत ने वर्ष 2006 में छोटा राजन गिरोह के संदिग्ध सदस्य रामनारायण गुप्ता फर्जी मुठभेड़ मामले में पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा को सभी आरोपों से बरी कर दिया है ।

मुंबई: मुंबई की एक अदालत ने वर्ष 2006 में छोटा राजन गिरोह के संदिग्ध सदस्य रामनारायण गुप्ता फर्जी मुठभेड़ मामले में पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा को सभी आरोपों से बरी कर दिया है ।
बहरहाल एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और मुठभेड़ का नेतृत्व करने वाले आरोपी प्रदीप सूर्यवंशी को दोषी ठहराया गया है । सत्र न्यायाधीश वीडी. जधवार ने 13 पुलिसकर्मियों सहित 12 अन्य को विभिन्न आरोपों में दोषी ठहराया। सजा सोमवार को सुनवाई जा सकती है ।
अभियोजन के मुताबिक 11 नवम्बर 2006 को पुलिस दल ने रामनारायण गुप्ता उर्फ लखन भैया को नवी मुंबई के वाशी से छोटा राजन गिरोह का सदस्य होने के संदेह में उठाया । लखन भैया के साथ अनिल भेडा को भी पुलिस ने उठा लिया । उसी दिन लखन भैया पश्चिमी मुंबई के वर्सोवा स्थित नाना नानी पार्क में मुठभेड़ में मारा गया ।
आरोप लगाया गया कि भेडा को पहले वर्सोवा के डी. एन. नगर थाने में हिरासत में रखा गया और बाद में उसे कोल्हापुर भेज दिया गया । फिर से वापस मुंबई लाया गया और करीब एक महीने तक हिरासत में रखा गया ।
उसी वर्ष 15 नवम्बर को लखन भैया के भाई वकील रामप्रसाद गुप्ता ने बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर करते हुए आरोप लगाया कि मुठभेड़ ‘फर्जी’ थी और यह ‘जघन्य हत्या’ का मामला है ।
दो वर्ष बाद फरवरी 2008 में उच्च न्यायालय ने फर्जी मुठभेड़ मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए । मजिस्ट्रेट ने एक रिपोर्ट में बताया कि हत्या ‘ठंडे दिमाग’ से की गई । बंबई उच्च न्यायालय ने सितम्बर 2009 में एक विशेष जांच दल का गठन किया और मामले की जांच के आदेश दिए ।
मामले में मुख्य आरोपी ‘मुठभेड़’ विशेषज्ञ शर्मा को एसआईटी ने आठ जनवरी 2010 को 21 अन्य के साथ मुठभेड़ में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया । आरोपी ठाणे केंद्रीय कारागार में बंद था । (एजेंसी)

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